नई दिल्ली। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत गोवा में आयोजित किए जा रहे स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक के दूसरे दिन डिजिटल स्वास्थ्य और नवाचार का लाभ लेने के लिए नागरिक केंद्रित स्वास्थ्य वितरण पारिस्थितिकी तंत्र पर महत्वपूर्ण मंथन सत्र का आयोजन किया गया।
मंगलवार को इस सत्र को संबोधित करते हुए आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा में आईटी के आधार -आयुष ग्रिड के माध्यम से सेवा वितरण के एकीकृत समग्र स्वास्थ्य सेवा मॉडल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष क्षेत्र पूरी तरह तैयार है।
आयुष मंत्रालय के सचिव ने कहा कि न केवल स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की दक्षता और परिणाम के लिए बल्कि मेडिकल रिकॉर्ड को बनाए रखने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और इनका विस्तार करने के लिए भी डिजिटल उपकरणों के उपयोग पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में स्थापित हो रहा डब्लूयएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन पारंपरिक चिकित्सा में डेटा एनालिटिक्स और तकनीक पर काम करने के लिए समर्पित रहेगा। यह भविष्य में पारंपरिक औषधियों में डेटा और प्रौद्योगिकी के प्रसार के लिए उपयुक्त साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत दूसरी स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक वर्तमान में पणजी, गोवा में 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक चल रही है। इसमें 19 जी20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित राज्यों और 22 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 180 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक के मौके पर डिजिटल स्वास्थ्य पर आयोजित प्रदर्शनी में एक स्टॉल लगाया है।