पलामू। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने छह वर्ष बाद अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा दी है। जिले के छतरपुर और हुसैनाबाद के सीमावर्ती छतरपुर थाना क्षेत्र के हरदिया घाटी में एक साथ आठ वाहनों को फूंककर नयी एसपी रीष्मा रमेशन को चुनौती दे दी है। घटना के बाद निर्माण कार्य बंद है और कर्मियों में दहशत व्याप्त है।
बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017-18 में माओवादियों ने हुसैनाबाद के तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश प्रसाद रजक की टीम को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस घटना में कई पुलिस जवानों की मौत हो गई थी, जबकि कुछ जख्मी भी हुए थे। उस घटना के बाद इस इलाके में माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
2017-18 की इस घटना के बाद झारखंड के पुलिस महानिदेशक के द्वारा इस क्षेत्र का जायजा लिया गया था और सड़क निर्माण की जरूरत पर बल दिया गया था। डीजीपी ने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सड़क निर्माण कराने का आग्रह किया था। इस आलोक में सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई और निर्माण कार्य शुरू हुआ। इसके लिए हुसैनाबाद के महुदंड में पुलिस पिकेट की स्थापना हुई थी।
घटना के बाद मौके पर पहुंची एसपी रीष्मा रमेशन ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक घटनास्थल का जायजा लिया। इस क्रम में जब कुछ पत्रकार मौके पर कवरेज के लिए पहुंचे तो उन्हें घटनास्थल पर जाने से रोक दिया गया। हालांकि बाद में कुछ पत्रकार कवरेज के लिए मौके पर पहुंच गए और कवरेज किया। घटनास्थल के बाद एसपी छतरपुर थाना पहुंची और कई घंटे तक छतरपुर, हुसैनाबाद के अलावा अन्य थाना पुलिस के साथ बैठक की। बैठक में छतरपुर और हुसैनाबाद के एसडीपीओ क्रमशः अजय कुमार और पूज्य प्रकाश भी थे। एसपी ने बैठक में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने छतरपुर, हुसैनाबाद, पांडू, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, पिपरा, नावाबाजार एवं हरिहरगंज के सीमावर्ती इलाके को सील कर कार्रवाई करने की बात कही।
ये वाहन जलकर हुए क्षतिग्रस्त
नक्सलियों ने आठ वाहननों को जलाकर क्षतिग्रस्त किया है। इन वाहनों में तीन हाइवा, एक लोडर, एक टैªक्टर, एक ग्रेडर, एक बाइक और एक मिक्सचर मशीन शामिल है। वाहनों को जलाने के लिए माओवादी अपने साथ डब्बे में भरकर पेट्रोल लेकर आए थे। साथ ही जूट की बोरी भी साथ में लाया था। शाम 4.20 बजे घटनास्थल पर दस्तक देने के बाद करीब डेढ़ घंटे तक माओवादियों का दस्ता यहां जमा रहा और अंत में माओवादी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए निकल गया।
13 किलोमीटर बन रही है सड़क
जिस सड़क पर आगजनी हुई, उसका निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से कालापहाड़-महुदंड रोड 13.6 किलोमीटर तक बनाई जा रही है। करीब 40 प्रतिशत सड़क का निर्माण हो चुका है। इस सड़क में लगे वाहन शाम 5 बजे तक निर्माण कार्य करते थे और फिर लठैया पिकेट में लग जाते थे। यही कारण है कि माओवादियों ने इस घटना को चार बजे के आसपास अंजाम दिया। इस घटना से संवेदक को करोड़ो का नुकसान हुआ है।
सुदूरवर्ती क्षेत्र है हरदिया घाटी
जिस जगह पर माओवादियों ने अग्निकांड को अंजाम दिया वह इलाका काफी सुदूरवर्ती है। छतरपुर से जहां 20 किलोमीटर दूर है, वहीं हुसैनाबाद से 18 किलोमीटर और पांडू से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद नक्सलियों ने सबसे पहले आग लगाई और फिर वहां मौजूद मुंशी बबलू पटेल, विजय यादव एवं एक हाइवा मालिक को कब्जे में लेकर उनकी पिटाई भी की। सड़क का निर्माण स्वास्तिक इंटरप्राइजेज नामक कंपनी करा रही है। इसके संवेदक अजीत सिंह ने बताया कि कुछ माह पहले धमकी भरा फोन आया था। इसे हल्के में लिया, जिससे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।