रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पत्नी कल्पना सोरेन संग शनिवार को ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना कर झारखंड और झारखंडवासियों की उन्नति, सुख-समृद्धि-शांति, खुशहाली और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की।
उन्होंने आशीर्वाद के रूप में भगवान जगन्नाथ का भोग ग्रहण किया। इससे पहले मुख्यमंत्री के यहां आगमन पर मंदिर प्रबंधन ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और प्रतीक चिन्ह के रूप में श्री जगन्नाथ मंदिर की तस्वीर भेंट की गई।पुरी में मुख्यमंत्री ने स्थानीय मीडिया के साथ संवाद करते हुए कहा कि कल कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के समारोह में शामिल होने का मौका मिला था। इस संस्थान के संस्थापक डॉ अच्युत सामंता यहां गरीब और वंचित आदिवासी समुदाय के 40 हजार से ज्यादा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर उनका उज्जवल भविष्य गढ़ रहे हैं।
वे जिस तरह इनोवेटिव और क्रिएटिव कार्य कर रहे हैं, इसे जानने- -समझने और देखने के लिए यहां आया। इस दौरान यहां पढ़ रहे बच्चों से संवाद कर बहुत कुछ सीखने को मिला। हमारी इच्छा है कि डॉ सामंता के साथ मिलकर झारखंड के बच्चों के लिए भी इसी तरह का संस्थान स्थापित करें।
नक्सली गतिविधियां अब अंतिम पड़ाव पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली गतिविधियां अब अंतिम पड़ाव पर है। नक्सली बहुत हद तक कमजोर हो चुके हैं। हालांकि, कुछ नक्सल घटनाएं भी हो रही हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि सभी राज्य मिलकर निश्चित तौर पर नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में कामयाब होंगे।
सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले, इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में एयर एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई है। समाज के गरीब और बीपीएल भी इसका लाभ ले सकें, सरकार ने इसे सुनिश्चित किया है। समाज के हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मी, बुजुर्ग, दिव्यांग, परित्यक्ता या एकल महिला हर किसी को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम और एनपीएस को लागू कर सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है।