डोमचांच (कोडरमा)। पिछले तीन दिनों से घने कुहासे व सर्द हवाओं के प्रभाव से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। सुबह के समय आसमान से टपकते ओस की बूंदे व घने कुहासे के कारण वाहन चालकों को हेड लाईट जलाकर सफर करना पड़ रहा है। शाम ढलने के साथ कुहासे बढ़ने लगते हैं। सुबह के वक्त भी देर तक कुहासा छाया रहता है। कुहासे के कारण मोटरसाईकिल चालक तथा चार चक्का वाहनों के गति में भी बदलाव देखा जा रहा है। लोग अपने वाहनों की लाइट जलाकर चलने को विवश हैं। वहीं सर्द हवा के चलने से कनकनी बढ़ गयी है। जिससे लोग सुबह देर से निकलते हैं तथा शाम के समय जल्द घर पहुंचते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को हो रहा है। ठंड की वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल जाते हुए हो रही है। स्कूल का समय भी मॉर्निंग में है। इस समय बहुत ज्यादा ठंड रहती है।
ठंड रहने के कारण बच्चे सुबह ठीक से उठ भी नहीं पाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे सर्दी में सुबह जल्दी स्कूल जाने को विवश हैं। इधर अभिभावकों को भी इस भयंकर ठंड और कोहरा में सुबह जल्दी उठकर बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए भी बड़ी मुसीबत बन गई है। बच्चों के लिए सुबह टिफिन बनाकर देना, सुबह इतनी कड़ाके की ठंड में उठकर बच्चों को तैयार करना, स्कूल भेजना, कई सारी समस्याएं अभिभावकों को हो रही है। सर्दी बढ़ने से बच्चों को सुबह स्कूल जाने में परेशानी हो रही है। ठंड अधिक होने के कारण बीमार होने का भी डर अभिभावकों को सता रहा है। हालांकि 19 और 20 जनवरी को जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 5 तक पठन-पाठन कार्य स्थगित रखने का आदेश सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को दिया है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या कक्षा 5 से ऊपर कक्षा वाले बच्चों को ठंढ नही लगता? ठंड उम्र देखकर तो लगती नही, तो ऐसे में जिला प्रशासन क्या ऊपर के कक्षा को भी बंद करेगी क्या? वहीं ठंड के प्रकोप से त्रस्त लोगों ने नगर प्रशासन और जिला प्रशासन से अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है।
वहीं कोडरमा विधायक डॉ. नीरा यादव ने भी अत्यधिक ठंड को देखते हुए विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य बंद करने को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि विगत कुछ दिनों से जिस तरह से पूरे जिले में ठंड एवं कुहासे का प्रकोप बढ़ा है, वह बच्चों एवं बुजुर्गों की सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में विद्यालय खुला होने से सुबह-सवेरे बच्चों के लिए विद्यालय जाना काफी कष्टदायी साबित हो रहा है। मौसम सामान्य होने तक सभी विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य बंद रखा जाय, ताकि इस जानलेवा ठंड से बच्चों को राहत मिल सके।