रांची। देश से 2030 तक मलेरिया के उन्मूलन की दिशा में तेजी से काम करने को रांची में गुरुवार से तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का मंथन कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में मेजबान झारखंड के अलावा नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, त्रिपुरा और असम जैसे 10 राज्यों की मलेरिया विभाग की टीम शामिल हुई।
छत्तीसगढ़ की टीम इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुई। पहले दिन मलेरिया उन्मूलन की दिशा में देशभर के दस राज्यों में चल रही गतिविधियों पर चर्चा हुई। इन राज्यों में नवाचार के प्रयोग के बारे में बताया गया। राज्य प्रतिनिधियों ने पीपीटी के माध्यम से अपने राज्य में मलेरिया उन्मूलन की दिशा में चल रहे कार्यों की जानकारी दी।
मलेरिया के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ सीएस अग्रवाल और संयुक्त निदेशक (भारत सरकार) डॉ रिंकु शर्मा ने मलेरिया उन्मूलन के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। बैठक में मलेरिया को खत्म करने, स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने, नवाचार, अनुसंधान और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर विशेष चर्चा हुई।
इससे पूर्व राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, झारखंड डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह ने रीजनल रिव्यू मीटिंग की मेजबानी करते हुए सभी आमंत्रित एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। मलेरिया उन्मूलन की दिशा में उनके निरंतर मार्गदर्शन का आग्रह किया। इस रीजनल रिव्यू मीटिंग का विधिवत उद्घाटन छह अक्टूबर को होगा, जिसमें चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह भी शामिल होंगे।