रांची/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड में विगत तीन वर्षों में विकास की गति में काफी तेजी आई है। झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं हैं और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री से आग्रह है कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धान्तों को धरातल पर उतारते हुए झारखंड को उचित सहयोग प्रदान किया जाय, जिससे विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में झारखंड भी भागीदारी दर्ज करा सके।
मुख्यमंत्री शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा मैं इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि झारखंड देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा।
विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हो रहा प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने एवं झारखंड की मूलभूत संरचना को मजबूत बनाने के लिए सरकार की ओर से सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार के प्रयासों से निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और निवेशक प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहित होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए पृथक एमएसएमई निदेशालय की स्थापना एवं वर्तमान जिला उद्योग केन्द्रों को जिला एमएसएमई केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। राज्य एवं जिला में समन्वय स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीकृत एमएसएमई उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य में एमएसएमई प्रोत्साहन नीति 2023 और एमएसएमई विशेष रियायत अधिनियम 2023 का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा।
एमएसएमई सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूंजीगत सब्सिडी को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर अधिकतम 40 प्रतिशत तक किया जा रहा है। इसके साथ राज्य सरकार एमएसएमई के आरएएमपी कार्यक्रम के तहत स्ट्रेटेजिक निवेश योजना भी तैयार कर रही है। राज्य में वर्तमान लागू खरीद नीति को भी रिवाइज किया जा रहा है, ताकि स्थानीय एमएसएमई को और अधिक महत्व दिया जा सके।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड रहा है उत्कृष्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार की सुगमता मामले में झारखंड का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है। व्यापार सुधार कार्य योजना के शुरुआती पांच संस्करणों में झारखंड हमेशा शीर्ष 10 राज्यों की सूची में रहा है। अनुपालन बोझ में कमी कार्यक्रम के अन्तर्गत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें विशेष प्रक्रियाओं को सरल एवं युक्तिसंगत बनाना है।
विगत दो वर्षों यथा 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ नागरिक सेवाओं से संबंधित कुल 507 अनुपालन बोझ को कम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिक्रिमिनलाइजेशन की दिशा में भी सरकार काम कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे उल्लंघनों पर सजा के स्थान पर वित्तीय दंड का प्रावधान करना है, ताकि व्यवसायियों और नागरिकों में भय का वातावरण समाप्त हो सके।
आवागमन के साधन विकसित करने का हो रहा कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ घनत्व को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए कुल 08 प्रमुख सड़क कॉरिडोर (1662.50 किमी) को भी चिन्हित किया है। इन राजकीय पथों को राष्ट्रीय उच्च पथों में विकसित किये जाने से राज्य अन्तर्गत उत्तर से दक्षिण एवं पूरब से पश्चिम कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी। साहेबगंज एवं मनिहारी घाट (बिहार) के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय सेतु की तर्ज पर राजमहल एवं मानिकचक (पश्चिम बंगाल) के मध्य गंगा नदी पर उच्च स्तरीय सेतु निर्माण के लिए एनएचएआई से अनुरोध किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए हमें केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली टूरिस्ट कॉरिडोर एवं सेंट्रल कॉरिडोर को चिन्हित कर डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है। झारखंड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है और इसी के अनुरूप नगरीय अवसंरचनाओं एवं नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत 10 शहरों का नगर विकास योजना एवं 06 शहरों का व्यापक मोबिलिटी प्लान तैयार किया गया है। राज्य के कुल 43 शहरों का जीआईएस आधारित मास्टर प्लान भी तैयार किया गया है। ऑनलाइन भवन योजना अनुमोदन प्रबंधन प्रणाली एवं लेआउट योजना अनुमोदन प्रबंधन प्रणाली वर्तमान में 45 निकायों, 2 विकास प्राधिकार एवं रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन में लागू है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। राज्य में एसएचजी एवं ग्राम संगठनों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने में झारखंड हमेशा से अग्रणी रहा है। पंचायतों में भी महिलाओं की भागीदारी के मामले में झारखंड की गिनती अव्वल राज्यों में की जाती है। महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है। सावित्रीबाई फुले योजनान्तर्गत बालिकाओं की शिक्षा, बाल विवाह की रोकथाम, विद्यालय परित्याग की प्रवृति को कम करने आदि के उद्देश्य से 08 से 12 कक्षा वाले बालिकाओं को नगद आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ झारखंड सुखी झारखंड के संकल्प के तहत प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप राज्य के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांक तथा सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है। वर्तमान में शिशु मृत्यु दर 25 एवं मातृ मृत्यु दर 56 है। कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में किये गये निरंतर प्रयासों के कारण राज्य के चार जिलों यथा दुमका, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज में एन्डेमिक प्रखण्डों की संख्या 16 से घटकर 01 रह गई है।
दुमका, साहेबगंज तथा गोड्डा जिला में एक भी प्रखण्ड अब एन्डेमिक नहीं है। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां के सभी 24 जिलों के 260 प्रखण्डों तथा 32,210 ग्रामों का विश्लेषण कर ग्रामवार कुष्ठ रोगियों का जीआईएस मैपिंग कर दिया गया है। आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत राज्य निधि से अतिरिक्त राशि प्रदान करते हुए 33 लाख से अधिक अतिरिक्त परिवारों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है।
युवाओं को बनाया जा रहा हुनरमंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वंचित वर्गों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सारथी योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से आने वाले तीन वर्षों में राज्य के सभी 264 प्रखण्डों में कौशल केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी गरीब एवं वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय ग्रामीण कौशल अधिग्रहण संस्थान (बीआईआरएसए) स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है।