लोहरदगा। उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कहा कि कला, संस्कृति, साहित्य के क्षेत्र में हिंदी का बहुत अच्छा उपयोग हुआ है लेकिन हिंदी का इस्तेमाल विज्ञान के क्षेत्र में नहीं होता है। वैज्ञानिक कार्यों, खोज आदि में भी हिंदी भाषा का उपयोग हो। इसमें आज के युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उपायुक्त गुरुवार को हिंदी दिवस के मौके पर नगर भवन, लोहरदगा में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।
उपायुक्त ने कहा कि आज के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भाषा सीखनी चाहिए ताकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वे सफल हो सकें। इससे भाषा और समृद्ध होगी। एक दूसरे की संस्कृति को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाषा को विद्वता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं रखता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे उस विषय की जानकारी नहीं है। भाषा का ज्ञान और किसी विषय का ज्ञान अलग-अलग चीजें होती हैं। भाषा एक माध्यम और साधन है एक इंसान को दूसरे इंसान के बारे जानने का। भाषा को जितना सीखेंगे, उतने ही नये अवसर मिलेंगे।
पुलिस अधीक्षक हरिश बिन जमां ने कहा कि हिंदी का उपयोग अलग-अलग समय में अलग-अलग तरीके से हुआ है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आंदोलन में हिंदी के माध्यम से ही राष्ट्रवाद का जोश भरा। स्वामी विवेकानंद ने भारत देश को भारत माता के रूप में देखा। आज हिंदी का इस्तेमाल सभी जगह हो रहा है। गूगल में भी हिंदी का उपयोग हो रहा है। हिंदी कहीं भी पीछे नहीं हैं लेकिन यदि आपको हिंदी के अतिरिक्त कोई अन्य ग्लोबल भाषा नहीं आती तो कई मौकों पर आपको इसका एहसास कराया जाता है। हिंदी गौरवान्वित करने वाली भाषा है। हमें हिंदी के उपयोग में इसकी शुद्धता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल ने कहा कि हिंदी का उपयोग अधिक से अधिक उपयोग करें। यह राजभाषा है। आज अंग्रेजी के उपयोग से हिंदी एवं संस्कृत भाषा को नुकसान हुआ। रोजगार के लिए कई क्षेत्रों अंग्रेजी भाषा का ज्ञान जरूरी हो गया है। हम हर भाषा का सम्मान करते हैं। अंग्रेजी का आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल करें। कई मौकों पर अभिभावक बच्चों में ऐसी भावना भरते हैं कि अंग्रेजी बहुत जरूरी भाषा है। उसके बिना आगे बढ़ना मुश्किल है। किसी समाज/संस्कृति की पहचान भाषा से है। अपनी भाषा को मान सम्मान दें। आज विश्व के कई देशों में हिंदी का इस्तेमाल हो रहा है। अपने क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करें।