झुमरीतिलैया (कोडरमा)। पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं ने गुरुवार को पूरे विधि विधान के साथ वट सावित्री की पूजा अर्चना की। इस दौरान सुहागिन महिलाओं संपूर्ण श्रृंगार कर वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए सात बार धागे द्वारा फेरे लगाए। बाद में महिलाओं ने बट वृक्ष के नीचे मौजूद पंडित द्वारा बताए जा रहे हैं सावित्री सत्यवान की कथा सुनी। इस दौरान महिलाएं अपने-अपने बाल में बरगद के पत्ते भी लगाए थे। पूजा अर्चना के क्रम में महिलाओं ने बांस के बने पंखे में लाल धागा बांधकर वट वृक्ष को पहले पंखा झेली।
इसके पश्चात् घर आने पर महिलाओं ने पति को पंखा झेलने की प्रथा निभाई। बताते चलें कि पूजा अर्चना के पूर्व महिलाओं ने स्नान कर शहर में जगह-जगह बट वृक्ष की पूजा करने के लिए सुबह से ही जूटने लगे थे। यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम व स्नेह का प्रतीक माना जाता है। वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म की महिलाओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है।