हजारीबाग: हम सभी अवगत हैं कि आज भारत समेत पूरे विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस दिशा में दुनिया भर में अनेक कदम उठाये जा रहे हैं।
माननीय सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति श्री जयंत सिन्हा जी ने नीती आयोग द्वारा नई दिल्ली में 28 जुलाई को जलवायु परिवर्तन व वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए हरित और सतत विकास एजेंडा सुनिश्चित करने पर आयोजित जी-20 कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र की अध्यक्षता की।
इस चर्चा में नीती आयोग के उपाध्यक्ष माननीय डॉ सुमन के बेरी जी, नीती आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माननीय बी वी आर सुब्रह्मण्यम जी, विश्वविख्यात सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ माननीय अरुणाभ घोष जी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व अर्थशास्त्री माननीय रोबर्ट स्टैविंस जी और वैश्विक मामलों की विशेषज्ञ माननीय जेसिका सेडॉन जी समेत देश-विदेश से आये अन्य कई गणमान्य विशेषज्ञ उपस्थित थे। यह संवाद बेहद सार्थक व ऊर्जात्मक रहा। इसमें जलवायु परिवर्तन के संबंध में कई आवश्यक मुद्दों पर विस्तृत संवाद किया गया।
श्री जयंत सिन्हा जी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए अपने सुझावों, कार्यों व रिपोर्टों से विशेष योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अन्य देशों की तरह आज भारत भी जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके लिये हमें ग्रीन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने की बेहद जरूरत है। हमें भारत में विदेश से निवेश बढ़ाना होगा ताकि हम पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग कर सकें।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार इस दिशा में हर आवश्यक कदम उठा रही है। भारत की जी-20 की अध्यक्षता इस दिशा में हमारे प्रयासों को और मज़बूती दे रही है। प्रधानमंत्री जी ने भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संबंध में जो लक्ष्य रखे हैं, वो दुनिया के लिए आने वाले समय में वरदान साबित होंगे।