सतगावां (कोडरमा)। माह-ए-रमजान के पाक माह की आखरी जुमे की नमाज शुक्रवार को प्रखंड के बासोडीह, शिवपुर माधोपुर, राजाबर, डेबोडीह, अंगार, दोनैया आदि मस्जिदों में अकीदत के साथ अदा की गई। लोगों ने नमाज के बाद एक-दूसरे के साथ गले मिलकर बधाई भी दी। अलविदा जुमा को अरबी में जमात-उल-विदा भी कहा जाता है। बता दें कि पाक महीने रमजान में पड़ने वाले जुमा का और अधिक महत्व बढ़ जाता है। वहीं इसे लेकर मुस्लिम धर्मावलंबियों में खुशी का माहौल देखा गया। बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी अंतिम जुमे की नमाज का इंतजार सुबह से कर रहे थे।
रोजा से हैं कई फायदे, विभिन्न बीमारियों से भी मिलती है निजात : मो. अजहर
रोजदार सेवानिवृत्त शिक्षक मो. अजहर रब्बानी ने बताया कि रमजान जो सभी महीनों में खास है, क्योंकि यह रहमत व बरकत साथ लाता है। इस महीने का रोजा और इबादत इंसान को पवित्र बना देता है। अगर इंसान समझ जाए की रोजे की क्या अहमियत है और उसके कितने फायदे हैं, तो लोग तमन्ना करेंगे की काश पूरा साल रमजान का महीना होता। इस्लाम की बुनियाद पांच चीजों से है, जिसमे से रोजा एक है। रोजा इंसान को सिर्फ इबादत परहेजगारी नहीं सिखाता, बल्कि इंसान को शारीरिक व मानसिक रूप से भी शुद्ध बनता है।
रोजा हर बुरी आदतों से छुटकारा दिलाता है। खास रमजान का रोजा इंसान को सिर्फ मजहबी नहीं, बल्कि कई तरह की जिस्मानी बीमारियों से भी बचाता है। मुबारक महीना रमजान का 30 रोजा रखकर इंसान रूहानी ताकतों से रूबरू होता है। 11 महीना खान-पान के कारण होने वाली कई प्रकार की बीमारियों को रोजा (उपवास) दूर करता है।