सतगावां (कोडरमा)। प्रखंड के नासरगंज बैंक ऑफ इंडिया के समीप नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग कोडरमा द्वारा लोगों को जानवरों में होने वाली लंपी वायरस के खिलाफ जागरूक किया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया कि लंपी एक वायरल डिजीज है, जो संक्रमित पशुओं से अन्य पशुओं में बेहद तेजी से फैलती है। लंपी वायरस खून चूसने वाले कीड़ों, मच्छर की कुछ प्रजातियों और पशुओं के कीड़ों के काटने से फैलता है.लंपी वायरस की वजह से जानवरों की स्किन पर जगह-जगह निशान बन जाते हैं और सही समय पर इलाज न मिलने पर पशु मर जाते हैं। यह बीमारी गाय, भैंस, भेड़ और बकरी में तेजी से फैल सकती है मगर इंसानों को इसका खतरा न के बराबर होता है।
हालांकि लोगों को संक्रमित पशुओं से थोड़ी दूरी बरतनी चाहिए लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग कर दें और इनकी देखभाल करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं, आप अपने हाथों को सैनिटाइज भी कर सकते हैं, कोशिश करें कि आप अपने हाथों को पशुओं की स्किन पर न लगाएं। वेटरनरी डॉक्टर की सलाह पर सभी पशुओं का वैक्सीनेशन करा सकते हैं। इससे यह बीमारी फैलने का खतरा कम हो जाएगा और पशुओं के साथ उनके आसपास रहने वाले लोग भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। समय रहते पशुओं की देखभाल की जाए तो इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
रोकथाम और बचाव के उपाय जो पशु संक्रमित हो उसे स्वस्थ पशुओं के झुंड से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले। कीटनाशक और बिषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट कर दें, पशुओं के रहने वाले बाड़े की साफ-सफाई रखें, जिस क्षेत्र में लंपी वायरस का संक्रमण फैला है, उस क्षेत्र में स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए। किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।