मेदिनीनगर। पद्मश्री गणितज्ञ स्व. डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह का चित्र उनके डॉक्टर मित्र अखिलेश ने शनिवार को नेतरहाट विद्यालय को उनकी स्मृति में भेंट किया।
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह बिहार के भोजपुर जिला स्थित बसंतपुर गांव के निवासी थे। विलक्षण प्रतिभा के धनी बालक वशिष्ठ की चर्चा आरंभिक दिनों में ही प्रतिभावान छात्र के रूप में पूरे इलाके में होने लगी थी। सन 1957 से 1963 तक की स्कूली शिक्षा डॉ वशिष्ठ ने नेतरहाट विद्यालय से प्राप्त की। नेतरहाट विद्यालय के चतुर्थ आश्रम वर्ग के विक्रम आश्रम के ये अंतेवासी छात्र थे। बिहार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से पूरे राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में इन्हें सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ था।
आगे की शिक्षा पटना साइंस कॉलेज से प्राप्त कर गणित के क्षेत्र में महारत हासिल करते हुए उन्होंने विदेश के विश्वविद्यालयों से शोध कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर उन्हीं विश्वविद्यालयों में शोध एवं शिक्षण का कार्य भी किया। भारत में भी आईआईटी जैसे संस्थानों में ये व्याख्याता के रूप में कार्यरत रहे।नियति का खेल, डॉक्टर वशिष्ठ मनोविदलता (सिजोफ्रेनिया) नामक मानसिक रोग से ग्रसित हो असमय ही इनका दुखद निधन पटना में सन 2019 को हो गया।
इनके बालसखा नेतरहाट के ही पूर्ववर्ती छात्र डॉक्टर अखिलेश चौधरी (1962-1968 बैच) अवकाश प्राप्त सिविल सर्जन रांची ने उनकी स्मृति में एक सुंदर सा चित्र विद्यालय प्राचार्य डॉ संतोष कुमार सिंह को भेंट किया। विद्यालय के नियमित प्रातः सम्मेलन में एक विशेष कार्यक्रम में डॉ वशिष्ठ के चित्र को प्राचार्य डॉ संतोष कुमार सिंह को दिया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के गणित विभाग के शिक्षक राजेश कुमार और तारकेश्वर पासवान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में मंच पर विशेष रूप से शिक्षक डॉ प्रसाद पासवान, विधु शेखर देव और रवि प्रकाश सिंह उपस्थित रहे।