कोडरमा। आंगनबाड़ी सेविका के साथ दुष्कर्म की घटना के खिलाफ सेविका सहायिकाओं ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन कर न्याय की मांग को लेकर समाहरणालय पर जमकर नारेबाजी की. इससे पूर्व आंगनबाड़ी यूनियन की जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद एवं जिला सचिव वर्षा रानी के नेतृत्व में अम्बेडकर पार्क से समाहरणालय तक सीटू और झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन के बैनर तले जुलूस निकाला गया।
जुलूस में आक्रोशित सेविका सहायिकाओं द्वारा बलात्कारी अपराधी को फांसी दो, कामकाजी महिला को सुरक्षा दो, महिलाओं के साथ यौन शोषण पर रोक लगाओ आदि नारे लगाए जा रहे थे। प्रदर्शन में शामिल सेविका सहायिका को सम्बोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि आंगनबाड़ी की सेवा महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित होता है और उसी आंगनबाड़ी केंद्र में काम करने वाली महिला सुरक्षित नहीं है, तो आम महिलाओं को सुरक्षा कैसे मिलेगा, अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सरकार का नारा झूठा है।
सीटू के जिला सचिव रमेश प्रजापति ने कहा कि प्रशासन को शर्म आना चाहिए कि जिला मुख्यालय से दो किलो मीटर की दूरी पर काम करने वाली महिला सुरक्षित नहीं है. घटना के दिन पीड़िता का मेडिकल जांच नहीं होना, पुलिस प्रशासन की लापरवाही साफ झलकता है।
आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि आये दिन सरकार के द्वारा बीएलओ से लेकर अन्य कई तरह के कामों में लगाया जाता है, जिसमें देर शाम तक काम करना पड़ता है. जिसमें हमलोग असुरक्षित महसूस करते हैं। जिस प्रकार से हमारी आंगनबाड़ी परिवार की बहन के साथ यह घटना हुई है, उससे हमें अब डर महसूस होने लगा है। इसलिए प्रशासन हमलोगों की सुरक्षा की गारंटी करे, तभी हमलोग काम कर पाएंगे। अपराधी को अगर जल्द सजा नहीं मिलेगी, तो हम आगे भी आंदोलन के लिए बाध्य होगें। आंदोलन को झारखंड राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव असीम सरकार ने भी समर्थन किया।
पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया 6 सूत्री मांग पत्र
प्रदर्शन उपरांत पुलिस अधीक्षक के नाम 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। जिसमें मुकदमा की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर अपराधी को कठोर से कठोर सजा देने, पीड़िता को समुचित मुआवजा देने, आंगनबाड़ी सेविका सहित सभी कामकाजी महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगें शामिल है। सुनीता सिहं, शकुंतला मेहता, मंजू मेहता, कविता यादव, कुमारी अनामिका, दीपा, संध्या वर्णवाल, मंजू देवी, सरस्वती देवी, आशा देवी, सुनीता देवी, देवंती, गुंजा, संध्या, रीता, रेखा, प्रभा, पुनम, रामदुलारी, कोमन रानी, संजू, संगीता, रूमी खानम, मुशरत, नासरीन, सरवरी खातुन, तर्रनुम, शीला, रीना, पिंकी, कांति, निर्मला, गायत्री, कंचन, गीता, मीणा, किरण, श्रुति, ललिता देवी, मीना, शैलेन्द्र कुमार सहित काफी संख्या में सेविका सहायिका मौजूद थी।