झुमरीतिलैया (कोडरमा)। शहर के गौरी शंकर मोहल्ला स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति गौरी शंकर मोहल्ला रोड का इतिहास काफी पुराना है। यहां 46 वर्षों से दुर्गा पूजा के अवसर पर प्रतिमा स्थापित कर भव्य पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यहां दुर्गा पूजा की शुरुआत होने के पीछे भी एक रोचक घटनाक्रम जुड़ी हुई है। पूजा की शुरुआत एवं इस वर्ष किस थीम पर पूजा पंडाल का निर्माण हो रहा है, इस पर पूजा समिति के अध्यक्ष संजय तर्वे ने विशेष बातचीत में पूरी जानकारी साझा की है।
जोड़ा बेल से माता दुर्गा के आगमन के मिले संकेत
समिति के अध्यक्ष संजय तर्वे ने बताया कि वर्ष 1978 से पहले गौरी शंकर रोड स्थित एक बेल के पेड़ में नवरात्र के दौरान लगातार जोड़ा बेल लग रहा था, यह मोहल्ले में चर्चा का केंद्र बना हुआ था। इसके बाद मोहल्ले वासियों ने बैठक कर सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि यह माता दुर्गा के आगमन का संकेत है। प्रत्येक वर्ष नवरात्र के मौके पर जोड़ा बेल की पूजा से बेल भरनी पूजा संपन्न होता है। इसके बाद 1978 में सीएच कंपनी की खाली भूमि पर चबूतरा का निर्माण कर प्रतिमा स्थापित कर दुर्गा पूजा की शुरुआत की गई।
दक्षिण कोलकाता के मंदिर में माता दुर्गा देंगी दर्शन
संजय तर्वे ने बताया कि पिछले 46 वर्षों उसी बेल के पेड़ में आज भी एक डाली में जोड़ा बेल लग रहा है। नवरात्र के सप्तमी तिथि से पहले गाजे बाजे के साथ माता बेल भरनी को लाकर दुर्गा मंडप में स्थापित किया जाता है। इस वर्ष पूजा समिति के निर्णय के अनुसार दक्षिण कोलकाता के एक मंदिर के प्रारूप में भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। प्रतिमा का निर्माण हजारीबाग के मूर्तिकार सुनील कुमार के द्वारा किया जा रहा है। पंडाल, लाइटिंग और सजावट में करीब 3 लाख रुपए अनुमानित खर्च है। पंडाल में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था रहेगी।