रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जमीन घोटाले में मनी लॉड्रिंग के तहत जांच कर रही हैं। इस मामले की जांच के दौरान ईडी ने मंगलवार को कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदिप मिश्रा से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मिश्रा ने ईडी को कई जानकारियां दी है । विनय मिश्रा के लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि ईडी ने त्रिदिप मिश्रा से पूछा कि तीन महीने पहले ईडी ने वहां सर्वे किया था और इस बात का खुलासा किया था कि वहां से मिले जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी कर उसी दस्तावेज पर रांची में जमीन की खरीद-बिक्री की गई है। इस मामले में ईडी ने उन्हें लिखित शिकायत भी की थी। इसके बाद उन्होंने क्या कदम उठाया, क्या कोई प्राथमिकी दर्ज कराई ? इसपर त्रिदिप मिश्रा ने कहा कि ईडी से जालसाजी की जानकारी मिली तो उसे कोलकाता के आइजी रजिस्ट्री को बताया था। एफआइआर दर्ज नहीं करने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
पूछताछ के दौरान ईडी को त्रिदिप मिश्रा से पूछताछ में वहां के रजिस्ट्री कार्यालय के कुछ अन्य अधिकारियों-कर्मियों के बारे में जानकारी मिली है। उन सभी लोगों से भी पूछताछ कर सकती है।
त्रिदिप मिश्रा से पूछताछ के दौरान आए तथ्यों के आधार पर ईडी जल्द ही कोलकाता के आईजी रजिस्ट्री से पूछताछ करने के लिए समन भेजकर बुला सकती है। उल्लेखनीय है कि
रांची में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में गड़बड़ी सामने आई है । रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है। इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमाई की है।
जमीन घोटाला मामले की जांच के दौरान ईडी ने पाया था कि दोनों ही जमीन की खरीद बिक्री फर्जी दस्तावेज के माध्यम से की गई है। इसके लिए कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ की गयी थी।