संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा जारी है. राज्यसभा में विपक्ष द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. वहीं लोकसभा में कांग्रेस ने ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की मांग की है. इस बीच संसद भवन परिसर में कांग्रेस के सदस्यों ने तिरंगा और फूल लेकर विरोध प्रदर्शन किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इस विरोध प्रदर्शन में मौजूद हैं. जोरदार हंगाने के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.
किरेन रिजिजू ने कहा- सोरोस और कांग्रेस के बीच क्या संबंध?
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी दल पर जमकर हमला बोला. कहा, “सोरोस और कांग्रेस के बीच क्या संबंध है? इसका खुलासा होना चाहिए…कांग्रेस को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए…किरेन रिजिजू ने कहा कि 72 साल बाद किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना. उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष का नाटक है। विपक्ष ने सदन की गरिमा गिराई है.
आखिर अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया?
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. विपक्ष का आरोप है कि राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “राज्य सभा के माननीय सभापति के अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.”
“इंडिया गठबंधन के दलों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है.”संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही सदन में भारत के जाने माने कारोबारी गौतम अदानी और अन्य कई मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. इस सत्र की शुरुआत से ठीक पहले ही गौतम अदानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोप तय किए जाने की ख़बर आई थी. उसके बाद से ही कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस पार्टी पहले भी कई मुद्दों को लेकर अदानी के मसले पर जेपीसी की मांग करती रही है.
जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के गठन हुए 72 साल हो गए हैं और पहली बार राज्यसभा के सभापति के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है, जो दिखाता है कि हालात कितने बिगड़ गए हैं. इस बीच भारतीय संविधान में दिए गए प्रावधानों की बात करें तो संविधान में राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया की विस्तार से चर्चा की गई है.
क्या है प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 14 दिन पहले उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाना ज़रूरी है. उपराष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया राज्यसभा में ही शुरू की जा सकती है, क्योंकि वो राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. इस प्रस्ताव को राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों के सामान्य बहुमत से पारित कराना ज़रूरी होता है. राज्यसभा से पास होने के बाद इस प्रस्ताव को लोकसभा के भी सामान्य बहुमत से पास कराना ज़रूरी होता है.”
राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ महाभियोग शुरू करने के लिए ‘संविधान का उल्लंघन करना’ आधार होता है, लेकिन उपराष्ट्रपति के लिए ऐसा कुछ नहीं है, उन्हें केवल सदन का भरोसा खो देने पर भी हटाया जा सकता है.
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