झुमरीतिलैया (कोडरमा)। श्री कोडरमा गौशाला प्रांगण में गौवंशो के संरक्षण और संवर्धन को लेकर आयोजित साप्ताहिक श्रीमद् भागवत मूल पाठ के छठे दिन वृंदावन के आचार्य पंडित अनिरुद्ध शर्मा जी और आचार्य पंडित भरत शर्मा जी ने श्रीमद् भागवत पुराण के दशम एवं एकादश स्कन्ध के 43 अध्याय का पाठ किया। इस दौरान उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के विवाह से लेकर सुदामा की मित्रता और वेद स्तुति के बारे में कथा का श्रवण गौवंशों को कराया। आचार्य ने बताया कि भूमासुर नाम के दैत्य के अत्याचार से 16 हजार 101 कन्याओं को श्री कृष्णा जी ने बचाया और उन्हें कारावास से मुक्त कराया। इसके बाद जब कन्याएं अपने घर वापस गए तो समाज परिवार के लोग ने उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने 16 हजार 101 कन्याओं से विवाह किया और सभी को द्वारिका ले गए।
वहीं शाम में कोलकाता के बड़ा बाजार से पहुंचे प्रवचनकर्ता आचार्य पंडित पतंजलि शर्मा ने गौ माता कि महिमा पर प्रवचन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सृष्टि में गाय की प्राकट्य सृष्टि के पालन और सृष्टि की रक्षा के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि जैसे मां पालन करती है वैसे ही गाय भी हम सभी का पालन करती है। एक पुत्र के रूप में हम सभी को गौवंश की रक्षा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूध नहीं देने वाली गाय को घर से निकालकर सड़कों पर छोड़ने वाले लोगों के माता-पिता को भी अपने पुत्र से ऐसी कोई इच्छा नहीं रखनी चाहिए कि बुजुर्ग अवस्था में उनका पुत्र उन्हें अपने साथ घर में रखेगा। प्रवचन के दौरान उन्होंने गौशाला के लिए औषधि कोष का गठन सहयोग राशि देकर किया।
इसके बाद औषधि कोष में कैलाश चैधरी, सुनीता मोदी एवं रामकरण सिंह ने भी सहयोग राशि दिया। मौके पर आचार्य पंडित पतंजलि शर्मा ने कहा कि किसी भी बीमारी के दौरान गौशाला के औषधि कोष में दान करने से लोगों को गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त होगा और उनके दुःख दूर होंगे। मौके पर प्रदीप केडिया, विनोद बजाज, गोपाल बगड़िया, अरुण मोदी, सुरेश जैन, सज्जन शर्मा, मनोज केडिया, महेश दरूका, संयुक्त सचिव अरुण मोदी, पूर्व अध्यक्ष सुरेश जैन, पवन चैधरी, कैलाश चैधरी, शालू चैधरी आदि लोग मौजूद थे।