लखनऊ। पांच बार के विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलियाई टीम को एकदिवसीय विश्वकप के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी हार नसीब हुई है। लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 134 रनों से मात दी है। इससे पहले 1983 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 118 रन से हराया था।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से मिले 312 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। अफ्रीकन तेज गेंदबाजी के आगे पांच बार के विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की मजबूत बल्लेबाजी पूरी तरह बिखर गई। कंगारू टीम के छह बल्लेबाज 18 ओवर के अंदर ही पवेलियन लौट गए। ऑस्ट्रेलिया के लिए मार्कस लाबुशेन (46) ने थोड़ा संघर्ष दिखाया लेकिन दूसरे छोर से उन्हें खास समर्थन नहीं मिला। हालांकि मिशेल स्टार्क (27) और पैक कमिंस (22) ने थोड़ा साथ देने की कोशिश की लेकिन वह नाकाफी रही। पूरी टीम 41वें ओवर तक पवेलियन में थी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ही सबसे बड़ी हार के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया। दक्षिण अफ्रीका के लिए कगिसो रबाडा ने सबसे ज्यादा तीन विकेट झटके। जबकि मार्को जेनसन, केशव महाराज और तबरेज शम्सी ने दो-दो विकेट लिए। वहीं नगिदी को एक सफलता मिली।
इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 311 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। सलामी बल्लेबाजी क्विंटन डि कॉक ने 109 रनों की शानदार पारी खेली। जबकि कप्तान बुवामा ने 35, वानडर डुसैन ने 26, मार्करम ने 56 और क्लासेन ने 29 रन का योगदान दिया। वहीं आखिरी ओवरों में डेविड मिलर और मार्को जेनसन ने क्रमश: 17 और 26 रन की तेजतर्रार पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिशेल स्टार्क और ग्लेन मैक्सवेल को दो-दो सफलता मिली। जबकि हैजलवुड, कमिंस और जैम्पा के खाते में एक-एक विकेट रहा।