मरकच्चो (कोडरमा)। प्रखंड अंतर्गत नावाडीह पंचायत स्थित नावाडीह 1 दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार रात्रि कथा सुनाते हुए कथा वाचिका अनुपमा रामायणी ने कहा कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना ही नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों न हो।
कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि धु्रव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया।
परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नरसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रकट होना बताता है कि प्रहलाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के बाद आयोजित भंडारा को कथा सुनने वाले के बीच वितरण किया गय