पलामू। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के फर्जी हस्ताक्षर से 12 व्यक्तियों के चरित्र प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। हालांकि, पुलिस की अनुसंधान में सामने आया है कि इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रहा है।
इस संबंध में पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने पत्रकारों को बताया कि अनुसंधान के क्रम में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। पुलिस पूरे मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। फर्जी हस्ताक्षर और मुहर से प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। इसके अलावा पत्रांक-ज्ञापांक भी दिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, 29 जुलाई, 2023 को पलामू एसपी कार्यालय के गोपनीय शाखा में आर्म्स डिप्टी चीफ ऑफिसर फोर प्रोजेक्ट डायरेक्टर, शिप बिल्डिंग सेंटर, गोस्थाज गेट नेवल बेस विशाखापट्टनम के लेफ्टिनेंट अभिषेक का एक पत्र आया था। इस पत्र में चरित्र प्रमाण पत्र के सत्यापन के साथ आधार कार्ड भी लगा हुआ था। सभी चरित्र प्रमाण पत्र पलामू एसपी के कार्यालय से जारी किए गए थे। सभी प्रमाण पत्र पर पत्रांक और दिनांक लिखा हुआ था।
जब पत्रांक और दिनांक को मिलना शुरू किया तो 12 व्यक्तियों के चरित्र प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। सभी के चरित्र प्रणाम पत्र पर पलामू के तत्कालीन एसपी चंदन कुमार सिन्हा का फर्जी हस्ताक्षर थे। इसके बाद पलामू पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए बस लेकर तमिलनाडु रवाना गयी थी लेकिन वहां पहुंचकर पुलिस को पता चला कि सभी को कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया था। इसके बाद कई लोग किसी दूसरे इलाके में नौकरी के लिए शिफ्ट हो गए हैं।
इस संबंध में शहर थाना में थाना कांड संख्या 414/23 के तहत आईपीसी की धारा 466, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपितों में लेस्लीगंज के लोटवा के रहने वाले मनीष कुमार, होटाई के अंतोष उरांव, लेस्लीगंज धनगांव के देवचंद राम, बकोरिया के सुरेश भुइयां, मेदिनीनगर के बकोरिया के अनुज भुइयां, धर्मेंद्र भुईयां के अलावा मनोज कुमार राम, मुनेश्वर उरांव, महेंद्र उरांव, प्रदीप उराव, बिहारी उरांव, भुनू उरांव और एक अज्ञात के नाम शामिल हैं। इनमें से कई लोग पलामू से बाहर के रहने वाले हैं।