झुमरीतिलैया (कोडरमा)। शहर की सफाई व्यवस्था से लेकर फुटपाथी बाजार को बस स्टैण्ड में बसाने या घरों में निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले सामग्री को सड़कों पर रखने जैसी कई समस्याओं के समाधान को लेकर नगर परिषद के द्वारा किए गए बड़े-बड़े वादे खोखले साबित हो रहे हैं। इसके पीछे का कारण कोई ठोस नीति नहीं बनाया जाना बताया गया। नए कार्यपालक प्रशासक हर्षवर्धन के योगदान दिए जाने के बाद शहर के लोगों में एक आस जगी थी कि शायद अब झुमरीतिलैया शहर का कायाकल्प होगा पर वही ’ढाक के तीन पात’ वाली कहावत आज भी चरितार्थ होता दिख रहा है।
शहर की मुख्य सड़कों को अगर छोड़ दिया जाए तो आज भी गली मोहल्ले में लगा गंदगी का अंबार सफाई अभियान का पोल खोलता नजर दिखेगा। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं घरों के निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले सामग्री को सड़कों पर गिराकर अतिक्रमण किए जाने वाले लोगों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती है। इसी प्रकार फुटपाथ पर लगने वाले बाजार को अब तक चयनीत स्थल बस स्टैंड, अशोका होटल या महात्मा गांधी मार्ग पर स्थानांतरित नहीं कराया जाना, स्टेशन रोड में अवैध तरीके से फुटपाथ पर लगने वाले ठेले खोमचे से उत्पन्न जाम की समस्या से लोगों को राहत नहीं मिलना, नगर परिषद की कार्यशाली पर प्रश्न चिन्ह है। अभियान के नाम पर सिर्फ बैठकें कर खाना पूर्ति की जाती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक प्रशासक हर्षवर्धन ने कहा कि शहर में सुबह शाम दो शिफ्ट में सफाई अभियान चलाया जाता है, मगर शहर के लोगों द्वारा सफाई होने के तुरंत बाद घरों के कचरों को सड़कों पर लाकर फेंक दिया जाता है। वहीं घर के निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले सामग्री को सड़कों पर रखकर अतिक्रमण किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि जल्द ही वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए सिटी मैनेजर को निर्देश दिया गया है।