रांची। राज्य में बकरीद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि 4900 पुलिस बल, छह कंपनी रैपिड एक्शन पुलिस, पांच कंपनी सीआरपीएफ, एक कंपनी सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स के अलावा 5000 होमगार्ड जवानों की अतिरिक्त तैनाती विभिन्न जिलों में की गयी है। इसके अलावा सभी जोन के आईजी और डीआईजी के पास 1000 पुलिस बल रिजर्व में रखा गया है।
डीजीपी के आदेश पर आईजी अभियान ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। राज्य भर के थानों में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थान चिह्नित किए गए हैं। रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, गिरिडीह में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है, इन जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स को लगाया गया है।
पुलिस मुख्यालय के तरफ से सभी जिले के एसपी को बकरीद के दौरान जवानों की प्रतिनियुक्त सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ आवश्यकतानुसार स्थानों पर करने को कहा गया है।संवेदनशील इलाको में दंगा नियंत्रण उपकरणों, लाठी, हेलमेट, बाडी प्रोटेक्टर, केन शील्ड, टियर गैस गन सहित अन्य उपकरण के साथ जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी उपद्रवी तत्वों पर निगरानी रखी जाएगी। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को मुस्तैद रहने को कहा गया है।
वहीं दूसरी ओर राजधानी रांची में बकरीद को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा को लेकर राजधानी रांची में लगभग 3000 जवानों की तैनाती की गई है।
इस संबंध में एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी रांची में बकरीद को लेकर सुरक्षा के भुगतान इंतजाम किए गए हैं। सभी डीएसपी और थाना प्रभारी को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार पेट्रोलियम करने को कहा गया है। एसएसपी ने बताया कि सभी संवेदनशील जगहों पर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है, इसके अलावा झारखंड पुलिस के रैप, जैप, आईआरबी के जवानों को भी राजधानी में तैनात किया गया है।
क्विक रिस्पांस टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है, अगर कहीं से भी आपातकालीन व्यवस्था करनी होगी तो वहां दस्ता तुरंत मूव करेगा। इस बार पूरी राजधानी पर नजर रखने के लिए 70 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं । इनकी निगरानी के लिए 50 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है। रांची एसएसपी ने कहा कि अगर कोई शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने जा निर्देश दिया गया है।
पशुओं की कुर्बानी देने की परम्परा
इस वर्ष बकरीद दिनांक 17 जून को मनाया जायेगा। वैसे तो यह पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है पर प्रथम दिवस को मुख्य त्योहार होता है। इस पर्व के अवसर पर पशुओं की कुर्बानी देने की परम्परा है। पर्व के अवसर पर जहां हिन्दु-मुस्लिम समुदाय की मिश्रित आबादी है तथा पूर्व में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं का इतिहास रहा हो। वहां पूर्ण सतर्कता अपेक्षित है असामाजिक व शरारती तत्वों की ओर से व्हाट्सएप, फेसबुक, सोशल मीडिया के माध्यम से समुदाय विशेष के धर्म को लेकर गलत संवाद का प्रेषण करने, अवैध तरीके से वीडियो बनाकर वायरल करने से विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाया करती है एवं सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासनिक चौकसी बरतने की आवश्यकता है।ऐसे तत्वो के साथ सख्ती से पेश आना होगा, जो शांत एवं सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कुचेष्टा करेंगे। साथ ही इस क्रम में सोशल मीडिया पर हो रही गतिविधियों पर निगरानी के साथ-साथ सभी प्रकार के अफवाहों का खण्डन आवश्यक है।
साईबर समूहों के माध्यम से सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर निगरानी आवश्यक है। ऐसे में पर्वो के अवसर पर कुछ लोग जातीय तनाव, साम्प्रदायिकता एवं राजनैतिक रंग देकर सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ कर विधि-व्यवस्था उत्पन्न करने की भरसक कुचेष्टा कर सकते है। इसलिए प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल को इन बातों का ध्यान रखते हुए इस पर्व के अवसर पर शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये विशेष सतर्कता बरतने एवं कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है तथा ऐसे तत्वों से सख्ती से पेश आने की आवश्यकता है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ने का प्रयास करते है।
आपत्तिजनक पोस्ट पर प्रतिबंध
जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बकरीद के मौके पर ईदगाह व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किसी तरह की आपत्तिजनक चीज लिखा हुआ या अन्य तरीके से मिला तो उसकी तत्काल सूचना जिला प्रशासन के अधिकारी को देनी पड़ेगी। संबंधित स्थानों पर तैनात अधिकारी व पुलिस बलों की को इस पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर सोशल मीडिया यथा फेसबुक, व्हाट्सएप्प व ट्विटर आदि के जरिये किसी भी तरह के आपत्तिजनक पोस्ट किया गया तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। किसी भी सूरत में विधि व्यवस्था को भंग करने नहीं दिया जायेगा। पुलिस प्रशासन के अधिकारी सोशल मीडिया पर खासतौर पर नजर रखेंगे। इसके अतिरिक्त असमाजिक तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। आदेश के अनुसार जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर तैनात दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को कई तरह के निर्देश भी दिये हैं।