कोडरमा। काजी-ए-शहर कोडरमा मुफ्ती नसीम कासमी ने ईद-उल-अजहा के मौके पर एक प्रेस व्यान जारी कर मुसलामनों को संदेश देते हुए कहा कि ईद-उल-अजहा आपसी भाईचारगी और सौहार्द का त्योहार है, इसे इस्लामी रीति रिवाजों के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए। उन्होंने मुसलामनों से अपील किया कि इसका भरपूर ख्याल रखें कि आपके किसी भी काम से किसी भी समुदाय की भावनाएं आहत न हों।
कुर्बानी के सिलसिले में हुकूमत की जो हिदायात है, उसका पालन करना अनिवार्य है। चुंकी यह त्योहार इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है, जो इब्राहिम (अ.स.) की सुन्नत की यादगार के तौर पर पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसलिए अल्लाह ने जिन मुसलमानों को साहिब हैसियत बनाया है, उनको कुर्बानी देना वाजिब है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक अल्लाह तआला ने इब्राहिम (अ.स.) का इम्तिहान लेते हुए फरमाया कि वे अपने प्यारे बेटे हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी दें।
इब्राहिम (अ.स.) ने अल्लाह के हुक्म को मानते हुए अपने बुढ़ापे का सहारा एकलौता बेटा इस्माईल (अ.स.) से ये बातें बताई तो इस पर वे अल्लाह का हुक्म सुनकर तैयार हो गए और कहा कि आपको अल्लाह ने जो कहा आप कीजिए। मैं भी सब्र करूंगा, लेकिन कुर्बानी के ऐन वक्त अल्लाह ने इस्माईल की जगह आसमान से दुम्बा यानि भेड़ रख दिया। अल्लाह को यह अदा इतनी पसंद आई के अल्लाह ने कहा कि तुम्हारी ये कुर्बानी तब तक लोगों के लिए प्रेरणा होगी जब तक कि दुनियां रहेगी। मुफ्ती साहब ने कहा कि ईद-उल-अजहा के मौके पर अपने पड़ोसियों और गरीबों का भी ख्याल रखें इंशाअल्लाह ऊपर वाला आपका ख्याल रखेगा।