नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने दूरसंचार को समानता और अवसर के साधन के रूप में इस्तेमाल करके कनेक्टिविटी से आगे बढ़ कर सामाजिक-आर्थिक विभाजन को पाटने और पहुंच को मजबूत करने का काम किया है। दुनिया भारत के डिजिटल अनुभव का लाभ उठा कर जनकल्याण कार्यों को सशक्त बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में संचार क्रांति के क्षेत्र में हाल के साल में हुई प्रगति को काफी अहम बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में भारत में मोबाइल और इंटरनेट के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आई है। 5G ने कायापलट दिया है हम जल्द ही 6G पर भी काम करने जा रहे हैं।इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के उद्धाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा पूरी दुनिया के लिए विशेष रुचि का विषय बन चुकी है।उन्होंने कहा कि आज की तारीख में भारत में 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स हो चुके हैं, 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो चुके हैं. यह आंकड़ा काफी अहम है।पूरी दुनिया का ध्यान भारत ने खींचा है. यह देश की अहम उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत मे टेलीकॉम के क्षेत्र में जो प्रगति की है, वह अकल्पनीय है. उन्हो्ंने कहा कि आज का ये आयोजन काफी अहम है।स्टैंडर्ड और सर्विस का संगम है. आईटीयू और इंडिया मोबाइल कांग्रेस का एक मंच पर आना समय की मांग है और एक क्रांतिकारी पहल भी।उन्होंने कहा कि भारत ने हजारों साल से वसुधैव कटुंबकम का संदेश दिया है। संचार क्षेत्र में उपलब्धि आज के भारत का मिशन है।भारत दुनिया में प्रगति की राह प्रशस्त कर रहा है।
लोकल और ग्लोबल का मेल
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकल और ग्लोबल का मेल होता है तो दुनिया को नया लाभ मिलता है। टेलीकॉम और संपर्क के क्षेत्र में भारत का मॉडल कुछ अलग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में हमने टेलीकॉम को सिर्फ कॉनेक्टिविटी का नहीं, बल्कि इक्विटी और ऑपरचुनिटी का माध्यम बनाया है। ये माध्यम आज गांव और शहर, अमीर और गरीब के बीच की दूरी को मिटाने में मदद कर रहा है।पिछले दस साल में डिजिटल इंडिया अभियान से शानदार कामयाबी मिली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा का दिल्ली के भारत मंडपम में उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया को संघर्ष से बाहर निकाल कर आपस में जोड़ने में लगा हुआ है। उन्होंने वैश्विक संस्थाओं से दूरसंचार और डिजिटल टेक्नोलॉजी के बारे में मानक तय करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में डिजिटल विकास के चार प्रमुख आधार हैं, जिनमें सस्ता डिवाइस उपलब्ध कराना, देश के हर कोने में कनेक्टिविटी प्रदान करना, सस्ता डेटा और डिजिटल फर्स्ट को प्राथमिकता देना है। पिछले 10 साल में इन प्रमुख बिंदुओं पर अभूतपूर्व कार्य हुआ है।
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