रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित राजकुमार की अवमानना याचिका समेत राज्य के 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त रहने के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के मामले की सुनवाई सोमवार को हुई।
मामले में महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में लागू आदर्श आचार संहिता खत्म हो चुकी है। राज्य सूचना आयुक्त और लोकायुक्त आदि की नियुक्ति का मामला कैबिनेट के पास विचाराधीन है। नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।
विधायक बाबूलाल मरांडी एवं प्रदीप यादव से संबंधित मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। प्रदीप यादव की ओर से अधिवक्ता सुमित गरोड़िया ने पैरवी की। बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले एवं प्रदीप यादव की ओर से जेवीएम का भाजपा में विलय से संबंधित मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हो रही है।
अवमानना याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2020 में हाई कोर्ट ने सूचना आयुक्तों कि नियुक्ति से संबंधित एक याचिका को राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद निष्पादित कर दिया था। उस समय सरकार की ओर से कोर्ट में अंडरटेकिंग देते हुए कहा गया था कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति जल्द कर ली जाएगी। सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं होने पर वर्ष 2021 में याचिकाकर्ता राजकुमार ने अवमानना याचिका दाखिल की थी।
राज्य सूचना आयोग में रिक्त पदों की नियुक्ति एवं झारखंड में बाल आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी, लोकायुक्त सहित करीब 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों का पद खाली रहने को लेकर एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से भी जनहित याचिका दाखिल की गई है।
इसमें कोर्ट को बताया गया था कि करीब पांच वर्षों से राज्य बाल आयोग, सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त आदि संवैधानिक संस्थाओं में पदों के रिक्त रहने से किसी तरह का कोई काम नहीं हो रहा है। सूचना आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया था लेकिन कुछ अब तक सूचना आयोग में कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक जुलाई निर्धारित की।