मरकच्चो (कोडरमा)। दारूल उलूम गौसिया व झारखंड एजुकेशनल सेंटर मदीना नगर अंबाटांड़ मुर्कमनाय में 19 फरवरी की रात एक अजीमुश्शान जलसा बनाम अनवारे मदीना कॉन्फ्रेंस व जशने दस्तार बंदी प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें भारत के मशहूर व मारूफ खोतबा शेरा तशरीफ लाए। पीरे तरीकत सूफी हजरत अल्लमा मुफ्ती महबूब अहमद भागलपूरी, मोकर्ररीरे खुसुसी मौलाना शहादत नाइबे ब्लायबी उड़ीसा, मौलाना सद्दाम जामी जामताड़ा, नात खाने रसूल शहजाद संबलपूरी, रफीक अंजुम मधुपूरी, मुख्तार आलम परवाना जामताड़ा, नकीबे आले हिंदुस्तान मौलाना जमशेद जौहर नोमानी, दीगर मोकमी ओलमा शोरा तशरीफ लाए।
जलसे में मौजूद लोगों के साथ देश की तरक्की और अमन के लिए दुआ मांगी गयी। उलमा ने नबी की सुन्नतों पर अमल करने, अल्लाह को याद रखने और इंसानियत के रास्ते पर चलने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से कहा कि, एक वक्त की रोटी कम खाइए मगर बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़िए। जलसे की शुरूआत अयूब रजा नोमानी की तिलावते कलाम पाक और कीनाते पाक से हुआ। जलसे में मौजूद लोगों से मौलाना शहादत उड़ीसा ने जलसे में आए लोगों से कहा अल्लाह के नबी ने फरमाया है कि, अल्लाह को याद रखना और इंसानियत के रास्ते पर चलना हर मुसलमान का फर्ज है। उन्होंने जुबान को काबू रखने, दूसरों की खिदमत करने की सलाह दी।
इस जलसे की अध्यक्षता डॉ जावेद अख्तर ने किया, जबकि मंच संचालन मौलाना अख्तर रजा सिब्तैनी ने किया। जलसे में मौलाना नसरुल्लाह, कारी गुलाम जाबिर, अजमल मिसबाही, हाफिज खुर्शीद, मौलाना नशीर, इस्लाम मियां, मकसूद आलम, अकरील मियां, मेराज उद्दीन, रहमान मियां, सिराज मियां, सरफराज उर्फ पप्पू सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।