डोमचांच (कोडरमा)। भक्ति, उपासना एवं लोकआस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ संपन्न हो गया। इसी के साथ छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी समाप्त हुआ। इस महापर्व को लेकर गुरुवार देर रात से ही डोमचांच के शिवसागर तालाब, महथाडीह तालाब, बंगाय तालाब सहित प्रखंड के विभिन्न तालाबों, जलाशयों में व्रतधारियों की भीड़ लगने लगी और भक्ति भाव एवं श्रद्धा के साथ भगवान भास्कर को अघ्र्य अर्पित किया गया। वहीं गुरुवार की संध्या अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया गया।
वहीं घाटों के इर्द-गिर्द का नजारा छठ मईया के गीतों से वातावरण गुंजायमान होता रहा। विभिन्न छठ तालाबों में छठ व्रतधारियों ने आस्था की डूबकी लगाई और भगवान भास्कर से सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान तालाबों पर बैंड-बाजे के साथ भी लोग पहुंचे थे, बच्चे आतिशबाजी कर रहे थे और छठ महिमा के गीत गाए जा रहे थे। गौरतलब हो कि डोमचांच के शिवसागर छठ तालाब पर चलने वाले पांच दिवसीय मेले में खेल, तमाशे व झूले आदि आकर्षण का केंद्र हैं। मेले में लोग झूले, चाट, गुपचुप का आनंद ले रहे हैं।
छठ पर्व व मेले को सफल बनाने में अध्यक्ष किशोर साव, सचिव सुरेंद्र मेहता, उपाध्यक्ष सरोज मेहता, सह सचिव सुभाष साव, संरक्षण सुरेश कुमार, भरत नारायण मेहता, कोषाध्यक्ष शत्रुध्न सरैया, मनीष कुमार, किशोर साहु, अनिल पांडेय, दिलीप, सरोज मेहता, प्रमोद भगत, सुरेन्द्र साव, गौतम पांडेय, प्रीतम पांडेय आदि लगे हुए हैं।