नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रयागराज महाकुंभ के महापर्व के शुभारंभ अवसर पर सोमवार को देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
खरगे ने यहां जारी अपने संदेश में कहा कि आज विश्व की प्राचीनतम संस्कृति संगम तीर्थ राज प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। ये भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का महापर्व है। इस पावन आयोजन के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ों की संख्या में अगले डेढ़ महीने तक चलने वाले त्रिवेणी संगम के इस पारंपरिक महोत्सव में पधारे सभी साधु, संत, पंथ, समुदाय और जनता जनार्दन, एकजुट होकर जाति, वर्ण, और वर्ग के भेदभाव मिटाकर भारत की महान संस्कृति का परिचय पूरे विश्व को देंगे। छुआछूत, ऊंच-नीच, भेदभाव व अंधविश्वास को छोड़कर हम सभी इस देश की विविधता में एकता के शाश्वत मूल्यों को अपनाकर सौहार्द्र, सद्भाव, भाईचारे व आपसी प्रेम का संदेश देंगे।
खरगे ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “दि डिस्कवरी ऑफ इंडिया” में महाकुंभ मेले का वर्णन करते हुए लिखा है, “मैं इलाहाबाद या हरिद्वार में महान स्नान उत्सव, कुंभ मेले में जाता था, और देखता था कि लाखों लोग आते हैं, जैसे उनके पूर्वज हजारों सालों से पूरे भारत से गंगा में स्नान करने आते थे। मुझे तेरह सौ साल पहले चीनी तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों द्वारा लिखे गए इन त्योहारों के विवरण याद हैं और तब भी ये मेले प्राचीन थे और अज्ञात पुरातनता में खो गए थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि वह कौन सी जबरदस्त आस्था थी, जिसने अनगिनत पीढ़ियों से हमारे लोगों को भारत की इस प्रसिद्ध नदी की ओर खींचा है?”
खरगे ने कहा, “अध्यात्म, भक्ति, आस्था व श्रद्धा के इस ऐतिहासिक विहंगम दर्शन महाकुंभ का आयोजन सफल रहे, समानता और एकजुटता का प्रतीक बने, हमारी यही कामना है।”