मरकच्चो (कोडरमा)। जिला प्रशासन नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए कोई भी पहल करता नजर नहीं आ रहा है। मरकच्चो बरियाडीह मुख्य मार्ग की सडकों पर नाबालिग वाहन चालकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। यातायात विभाग की अनदेखी से अभिभावक भी बच्चों को बाइक की चाबी देने में जरा भी संजीदगी नहीं दिखा रहे। वहीं दोपहिया वाहन पर तीन-तीन, चार-चार लोग भी धड़ल्ले से बैठकर यातायात नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। प्रखंड के विभिन्न गांवों, कस्बों, कालोनियो सहित मुख्य मार्ग पर भी अक्सर नाबालिग फर्राटे से दोपहिया वाहन दौड़ाते देखे जा सकते हैं। इन नाबालिगों को न तो यातायात नियमों की जानकारी होती है और न ही दुर्घटना होने का भय। ये जितनी तेजी से वाहन चला सकते हैं उतनी तेजी से चलाते गुजर जाते हैं। काफी रफ्तार से इन्हें वाहन चलाता देख लोग सहम जाते हैं और दुर्घटना होने की आशंका से कांप भी जाते हैं।
अभिभावक हैं जिम्मेदार
नाबालिग वाहन चालकों पर कार्यवाही नही होती है। इसमें माता-पिता की भी विशेष भूमिका होती है कि वो अपने बच्चों को तय उम्र से पहले वाहन की चाबियां पकड़ाते है और नाबालिग चालक अपनी और दूसरों की जान से खिलवाड़ करते है। लोगों का कहना है कि नाबालिगों के तेज गति से वाहन चलाने के लिए उनके अभिभावक भी जिम्मेदार है। कई विद्यालयों में पढने वाले नाबालिग छात्र-छात्राएं अक्सर दोपहिया वाहन से विद्यालय आते-जाते हैं। लोगों का कहना है कि विद्यालय प्रशासन को भी ऐसे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को उन्हें वाहन न चलाने देने की सलाह देनी चाहिए।
भारी वाहन भी चलाते हैं नाबालिग
ऐसा नहीं है कि नाबालिग केवल बाइक या कार चलाते देखे जाते हैं। कई नाबालिगों को तो अक्सर ट्रैक्टर व टैम्पू भी चलाते देखा जाता है। इनमें सबसे ज्यादा तादाद ट्रैक्टर चलाने वालों की है। कई बार ये अनुभवहीन चालक दुर्घटना का कारण भी बनते हैं।
सख्त नियमों की हो पालना
लोगों का कहना है कि नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए अभी तक कोई सख्त कानून नहीं बनाया गया है। इसी का फायदा उठाकर नाबालिग वाहन चलाते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। लोगों ने प्रशासन से नाबालिगों के वाहन चलाने के विरुद्ध सख्त नियम बनाने के साथ इनके वाहन चलाने पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है। एक ओर क्षेत्र के आलाधिकारी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच तो करते हैं लेकिन क्षेत्र की सडकों में जिस प्रकार नाबालिग वाहन चलाकर फर्राटा भरते हैं उसे रोकने की कोई ठोस पहल नहीं की जा रही। यही वजह है कि बिना लाइसेंस के भी ऐसे स्कूली नाबालिगों को भी सडक पर वाहन चलाते देखा जा सकता है। वहीं कुछ वाहन चालक वाहन चलाते समय मोबाईल कान में लगाकर एक हाथ से ही गाड़ी चलाते हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है।