धनबाद। मार्क्सवादी समन्वय समिति का आज भाकपा माले में पूरी तरह से विलय हो गया। दोनों पार्टियों में कई दिनों से विलय की प्रक्रिया चल रही थी, जिसके बाद सोमवार को धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में दोनो पार्टियों की ओर से आयोजित एकता रैली कार्यक्रम में विलय का ऐलान कर दिया गया।
कार्यक्रम में भाकपा माले से सांसद, विधायक सहित पूरे देश से कई बड़े नेता और कार्यकर्ता सामिल हुए तो वहीं मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो, पुर्व विधायक अरूप चटर्जी सहित कई नेता और कार्यकर्ता इसमे सम्मलित हुए। इस दौरान गोल्फ ग्राउंड में हजारों की संख्या में दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे।
एकता रैली को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मासस के भाकपा माले में विलय और यह एकता रैली नया इतिहास लिखने जा रही है। इस एकता रैली से झारखण्ड आगे बढेगा। वर्तमान परिदृश्य में बीजेपी सामने है। 2024 के लोक सभा चुनाव में मोदी सरकार को बेदखल करने का जबरदस्त प्रयास हुआ और बीजेपी को भी लग चुका था कि उनका सफाया तय है। यूपी में बीजेपी की जो स्थिति बनी वह सभी के सामने है। बीजेपी जल जंगल जमीन ही नही वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर भी कब्जा करना चाहती है। जिसके लिए बिल लेकर आई पर उसे पास नही करा सकी। बाद में जॉइंट पार्लियामेंट में भेजा है। पहले कोयला उद्योग में राष्ट्रियकरण का दौर था आज निजीकरण के दौर पर है। यह एकता रैली निजीकरण के खिलाफ है, निजीकरण, कोरपोरेट और बेरोजगारी के खिलाफ है।
भाकपा माले के आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि आज पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। वाम विचारधारा की दो बड़ी पार्टी का आज विलय हुआ है। इससे वामपंथी मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन मजबूत हो रहा है। हमलोग मिलकर भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। मासस के निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि आज धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में एक बार फिर इतिहास बना। मासस का भाकपा माले में विलय हो गया, जिससे वाम संगठन मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि जहां झारखंड के धनबाद, बोकारो में मासस मजबूत स्थिति में थी वही गढ़वा, पलामू में भाजपा माले जनबुत है। जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा होगा।