कोडरमा। सैनिक स्कूल तिलैया में 60वें स्थापना दिवस पर हीरक जयंती मनायी गयी। मौके पर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि सैनिक स्कूल तिलैया का गौरवशाली इतिहास रहा है एवं राष्ट्र निर्माण में इस संस्थान का अहम योगदान है। उन्होंने कहा 1963 में स्थापित यह विद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। यहां के कई छात्रों सैन्य, सिविल सेवा, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, उद्यमिता के अतिरिक्त खेल, फिल्म निर्माण में अपनी अमिट पहचान स्थापित की है। महामहिम राज्यपाल ने शनिवार को सैनिक स्कूल तिलैया के ‘’हीरक जयंती समारोह’’ को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि विद्यालय द्वारा छात्रों को सदैव अपने कर्तव्य व जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु प्रेरित किया जाता है। उन्हें न केवल व्यक्तिगत जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने की सीख दी जाती है, बल्कि राष्ट्र हित में योगदान देने के लिए सक्रिय रहने का संदेश दिया जाता है। इस विद्यालय द्वारा छात्रों को अनुशासन, साहस एवं राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहने हेतु प्रेरित करना सराहनीय है, ये मूल्य न केवल विद्यालय परिसर तक ही सीमित हैं, बल्कि पूर्ववर्ती छात्रों के जीवन में भी परिलक्षित हैं, जिन्होंने समाजहित में अहम योगदान दिया है।
राज्यपाल महोदय ने विद्यार्थियों से कहा कि इस विद्यालय में अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां जो मूल्य अपनाएंगे व ज्ञान अर्जित करेंगे, वही आपके भविष्य को दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं व प्रतिकूल परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप भाग्यशाली हैं कि एक छात्र के रूप में आपको इस प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। आपके माता-पिता एवं समाज को आपसे बहुत अपेक्षाएँ हैं। आप अपने ज्ञान, चरित्र और व्यवहार से समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करें। उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि यह संस्थान भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने समस्त सैनिक स्कूल तिलैया परिवार को हीरक जयंती पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई देते हुए शिक्षकों व कर्मियों से कहा कि राष्ट्र-निर्माण में आपका योगदान अमूल्य है।
सैनिक स्कूल तिलैया आज अपने 60वें स्थापना दिवस पर ‘‘हीरक जयंती‘‘ कार्यक्रम मना रहा है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सैनिक स्कूल के प्रीसिंपल को शुक्रिया कहा, आगे कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आज के दिन मैं यहां आ पाया। वहीं संबोधन के बाद राज्यपाल ने शहीद जवानों की पत्नियों को सम्मानित किया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद रही।
एयर एडवेंचर विंग ने आसमान में साहसी कर्तव्य दिखाये
इससे पहले बच्चों ने राज्यपाल का बैंड-बाजे के साथ स्वागत किया। वहीं एयर एडवेंचर विंग ने आसमान में साहसी कर्तव्य दिखाये। कार्यक्रम की शुभारंभ और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मौके पर उपायुक्त मेघा भारद्वाज, एसपी अनुदीप सिंह, एसी अनिल तिर्की, डीडीसी ऋतुराज, सैनिक स्कूल के प्रिसिंपल राहुल साकलानी, शिक्षक सहित अन्य लोग मौजूद थे।
आकर्षक ढंग से की गयी थी स्कूल की साज-सज्जा 60वें स्थापना दिवस पर सैनिक स्कूल को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
मुख्य द्वार, भवनों व स्थलों की आकर्षक ढंग से साज-सज्जा की गयी थी, परिसर में वाटरप्रूफ पंडाल व मंच बनाये गये थे, मुख्य समारोह स्थल यानी कर्नल गेडियोक स्टेडियम को भी आकर्षक फूलों और लाइट से सजाया गया था। वहीं पास आउट छात्रों ने कहा कि हमें बहुत खुशी हो रही है कि आज सैनिक स्कूल के 60 वर्ष पूरे हो गये हैं। उस समय और आज के समय में काफी बदलाव देखने को मिला है। पहले अभी की तरह सुविधाएं नहीं थी। कहा कि सैनिक स्कूल में लड़कियां भी पढ़ सकती हैं, यह खुशी की बात है, पहले सिर्फ लड़के पढ़ते थे। छात्रों ने पुराने दोस्तों से इतने सालों बाद मिलने पर खुशी जाहिर की।