महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ में मौनी अमावस्या पर स्नान के दौरान संगम नोज पर हादसे की खबर है। संगम नोज पर जाने को लेकर धक्कामुक्की के दौरान भगदड़ मच गयी। भगदड़ में दर्जनों श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर है। सूचना मिलते ही आनन फानन में दर्जनों एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। घायलों को एम्बुलेंस से महाकुम्भ स्थित केन्द्रीय चिकित्सालय पहुंचाया गया है। फिलहाल अभी केन्द्रीय चिकित्सालय की ओर से किसी के मरने की पुष्टि नहीं की गयी है।
कैसे हुई घटना?
मंगलवार की रात को संगम नगरी से अमंगल समाचार सामने आया। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिये भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि संगम तट पर भगदड़ मच गई। । बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के घायल होने की भी सूचना है। मेला प्रशासन ने अभी मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। घायलों का इलाज महाकुम्भ नगर के केंद्रीय अस्पताल में जारी है।
महाकुम्भ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। राहत कार्य करीब 1 घंटे बाद शुरू हुआ।
जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका
महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही अपार जन समूह उमड़ा हुआ था। दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई। संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए।
अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया। जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता। आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी। रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई।
इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका। जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया। मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली तो हड़कंप मच गया।
हादसे की सूचना मिलने पर पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम की ओर रवाना किया गया। इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया। केंद्रीय अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटाया गया था, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने कहा कि उनकी मौत हो गई है।
संगम पर न आने की अपील
भगदड़ हादसे के बाद सभी तीर्थयात्रियों से विनम्र आग्रह किया जा रहा है कि संगम की ओर आने की कोशिश ना करें। अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यही आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की दिल दहलाने वाली तस्वीर की गवाही भी है। अभी हालात काबू में बताये जाते हैं। महाकुम्भ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है।
कृपया बच्चों को कंधे पर बैठाएं
यह भी बार-बार माइक से अनाउंस किया जा रहा है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठा कर चलें, किसी को धक्का न मारें। धीरे-धीरे बढ़ें।
महाकुम्भ भगदड़ पर खुद सीएम योगी ने बताया सबकुछ
यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में अभी 8 से 10 करोड़ लोग मौजूद हैं। अमृत स्नान के लिए देशभर से आए श्रद्धालुओं की भीड़ है। संगम तट पर नहाने की होड़ लगी है। हालांकि, प्रशासन-व्यस्था पूरी तरह सख्त है। उन्होंने कहा कि कुछ श्रद्धालु घायल हुए हैं। उनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। पीएम मोदी भी सुबह से ही हालात का जायजा ले रहे हैं। पीएम मोदी ने सुबह से चार बार हमसे बात की है। हालात नियंत्रण में है, मगर भीड़ का दबाव अब भी है।
उन्होंने आगे कहा, माँ गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है। किसी भी अफवाह पर बिल्कुल भी ध्यान न दें।
भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं का आना जारी
महाकुम्भ मेले में भगदड़ जैसी घटना होने के बावजूद श्रद्धालुओं का आना जारी है और मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर सुबह आठ बजे तक 2.78 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर सुबह आठ बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों समेत कुल 2.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया।
भीड़ कम होने पर स्नान करेंगे अखाड़े
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि एक बार भीड़ कम हो जाएगी तो हम सब पवित्र स्नान करने आएंगे। मेला क्षेत्र में हुई घटना को लेकर दुष्प्रचार फैलाया गया।ये घटना इतनी बड़ी नहीं थी। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन से बात हो रही है। भीड़ कम होने के बाद अखाड़े स्नान करने जाएंगे। हम लोगों ने घटना के बाद जनहित में स्नान नहीं करने का फैसला लिया था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने मेले में भगदड़ की घटना पर कहा कि ‘सुबह मेला क्षेत्र में बहुत बड़ा दुष्प्रचार फैलाया गया, छोटी सी घटना को बहुत बड़ा करके दिखाया गया। जिसके लिए हम सब दुखी हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए था। जब हमें ज्ञात हुआ कि इतनी बड़ी घटना नहीं घटी है जो होनी थी वो हो चुकी है अब उसके लिए क्या किया जाए? अब मैं यहीं कहना चाहूंगा कि हमारे जितने भी साधु महात्मा हैं। हमें अभी समय मिलेगा और हम दिव्य भव्य रूप से हम अपने नागाओं के साथ, महामंडलेश्वरों और भक्तों के साथ स्नान करेंगे।