मुंबई। पुणे के ससून अस्पताल में पुलिस को चकमा देकर फरार हुए ड्रग तस्कर ललित पाटिल को मुंबई पुलिस की टीम ने चेन्नई के होटल से बुधवार को तड़के गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ललित पाटिल से गहन पूछताछ कर रही है।
पुलिस के अनुसार पाटिल को अक्टूबर, 2020 में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने करोड़ों रुपये के मेफेड्रोन निर्माण और तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करके 22 लोगों को पकड़ा था। ललित पाटिल उन्हीं में से एक था। वह तब से यरवदा सेंट्रल जेल में बंद था, लेकिन हर्निया के इलाज के लिए उसे जून में पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह अस्पताल से 02 अक्टूबर को फरार हो गया था, तभी से हुए ड्रग तस्कर ललित पाटिल की तलाश पुणे और मुंबई पुलिस कर रही थी।
मेफेड्रोन निर्माता उसके भाई भूषण पाटिल और सहयोगी अभिषेक बालकवाड़े को पुलिस ने 10 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपित के मोबाइल पर ललित पाटिल का फोन आया था, जिससे पुलिस को ललित पाटिल के ठिकाने पता चल सका और पुलिस की टीम ने चेन्नई जाकर उसको गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार ललित पाटिल एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा है। अब तक जांच में पता चला है कि वह मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में मेफेड्रोन की सप्लाई करता था। इसी वजह से ललित पाटिल का भाई भूषण पाटिल मेफेड्रोन बनाने की कंपनी भी चला रहा था। ललित पाटिल के फरार होने के बाद मुंबई पुलिस ने भूषण पाटिल की कंपनी में छापा मारकर 300 करोड़ से अधिक मूल्य की मेफेड्रोन ड्रग बरामद की थी।
ललित पाटिल की मां ने आशंका जताई है कि उसके बेटे का एनकाउंटर किया जा सकता है। ललित पाटिल की मां ने कहा है कि उसके बेटे को कानूनन जो भी सजा मिलती है, पुलिस दिलाए, लेकिन उसके बेटे का इनकाउंटर न करें।