कोडरमा। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड युनियंस (सीटू) ने 24 अगस्त 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एकीकृत पेंशन योजना (यू.पी.एस.) को सरकारी कर्मचारियों के उचित अधिकारों के खिलाफ एक और धोखाधड़ी की साजिश करार दिया है। सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए कहा कि ओपीएस में ही कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित है। पुरानी पेंशन योजना जो 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा नियमों के तहत थी, जो गैर-योगदान आधारित और सुनिश्चित पेंशन प्रदान करती थी।
2004 में भाजपा के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से 1 जनवरी 2004 से भर्ती होने वालों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) शुरू की। तब से केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी और केंद्रीय ट्रेड यूनियन इसके खिलाफ संघर्षरत हैं और ओ.पी.एस. की बहाली की मांग करते आ रहे हैं। झारखंड सहित गैर बीजेपी राज्य सरकारों ने राज्यों में ओपीएस लागू कर दिया है, जबकि केन्द्र सरकार ओपीएस बहाली को लेकर रोज नए पैंतरेबाजी कर रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा ओ.पी.एस. की बहाली के लिए चलाए गए अभूतपूर्व संघर्ष और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संघों के संयुक्त मंच द्वारा दिए गए समर्थन ने सरकार को एन.पी.एस. से अपने रुख को नरम करने के लिए मजबूर किया है, लेकिन यू.पी.एस. के नाम पर पेश किया गया पैकेज सरकारी कर्मचारियों को उनके वैध पेंशन अधिकारों से वंचित करने का एक और प्रयास है।
सीटू एकीकृत पेंशन योजना की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए सरकारी कर्मचारियों के संघर्ष को पूरा समर्थन देने का आह्वान किया है।