कोडरमा। भारतीय अपराधिक कानून आईपीसी, आईईए और सीआरपीसी को बदलकर केंद्र सरकार देश के तीन नए अपराधिक कानूनों को 1 जुलाई से लागू करने के खिलाफ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले सोमवार को कोडरमा बाजार से जुलूस निकालकर कोर्ट के समीप प्रतिवाद दिवस आयोजित किया। ज्ञात हो कि दिसम्बर 2023 में संसद में 150 विपक्षी सांसदों को निष्काषित कर बिना किसी चर्चा के यह तीनों अपराधिक कानून अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किये गए थे।
वहीं सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि पुराने अपराधिक कानूनों में अनेक दमनकारी प्रावधान थे, जिसका इस्तेमाल राज्य दमन के लिए किया जाता रहा है। इन प्रावधानों को खतम कर अपराधिक कानूनों को जन पक्षीय बनाने के बजाय मोदी सरकार ने और ज्यादा दमनकारी कानून बना दिया है। इन तीन नए अपराधिक कानूनों से अब राज्य सत्ता के लिए नागरिक अधिकारों को कुचलना और आसान हो जायेगा। यह कानून लोकतांत्रिक मूल्यों और अधिकारों को ख़तम कर देश को एक पुलिसिया राज्य बना देगा और ग़ुलाम नागरिक होने के लिए मजबूर किया जाएगा।
ये नए कानून झारखंड के लिए भयावय संदेश है जहां आदिवासी, दलित, पिछड़े और मुसलमानों पर पुलिसिया दमन का लम्बा इतिहास है। वहीं माकपा के जिला सचिव असीम सरकार ने कहा कि नये अपराधिक कानून से देश में स्थाई आपातकाल लगाने की साजिश हो रही है। कानून लागू होने से पुलिस कभी किसी को भी आतंकवाद और राजद्रोह के जुर्म में गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों को बचाने के लिए सभी नागरिक इन कानूनों का विरोध करें और इनके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करें।
मौके पर रमेश प्रजापति, ज्ञासुद्दीन, भिखारी तुरी, महेंद्र तुरी, दिनेश रविदास, भुना भुइयां, कारू सिंह, सुभाष तुरी, सरफाराज अहमद, सियाराम, सनी कुमार, विक्की कुमार, सरयू दास, शुभ्रोज्योति सरकार सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।