कोडरमा। जिले में हर्षोल्लास व उत्साह के साथ शनिवार को ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया। इस दौरान सब की जुबान पर अल्लाह हु अकबर अल्लाह अकबर की सदा बुलन्द हो रही थी। ज्ञात हो की शुक्रवार को देर शाम देश के विभिन्न क्षेत्रों में ईद का चांद देखा गया और ईद उल फितर मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित ईदगाह में मौलाना शहादत हुसैन, असनाबाद मस्जिद में हाफिज सरफराज, बेलाल मस्जिद में हाफिज सफीक व मक्का मस्जिद में हाफिज अल्ताफ ने ईद उल फितर की नमाज सामुहिक रूप से अदा कराया।
इस दौरान जलवाबाद ईदगाह में मौलाना शहादत हुसैन ने लोगों को संबोधित करते हुए ईद के महत्व के बारे में बताते हुए कहा की ईद अल्लाह का रमजान के रोजे के बाद एक तोफा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में इल्म शिक्षा हासिल करना फर्ज करार दिया गया है, पर वर्तमान समय में हम शिक्षा में पिछड़ गये हैं। यही वजह है कि हम सामाजिक, आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि कम खाएं पर अपने बच्चों को अच्छी तालीम शिक्षा जरूर दें। अपने समाज में अगर बदलाव लाना चाहते हैं तो शिक्षा को ढाल बनाएं। जिससे दुनिया जीती जा सकती है और लोगों के दिलों पर राज किया जा सकता है। साथ ही कहा कि हजरत मो. (सअव) ने कहा है कि तुम में बेहतर वो है जिसके पास शिक्षा के साथ संस्कार हो।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में अपने मुल्क से मोहब्बत वफादारी की बात कही गई है, जो अपने वतन अपने मुल्क का वफादार नहीं वह सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता। संबोधन के पश्चात मौलाना शहादत ने सामूहिक नमाज पढ़ाई और मुल्क में अमन शांति भाईचारे के साथ देश की उन्नति, प्रगति की दुआ मांगी। ततपश्चात इस मौके पर लोगों ने नमाज के बाद एक दूसरे से गले मिल ईद की मुबारकबाद दी। बताते चलें कि ईद के दिन दुश्मन भी गीले शिकवे भूल एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देते हैं। इस दौरान ईदगाह से निकल कर लोग एक दूसरे के घरों में जाकर मीठी संवैया खाई और ईद की मुबारकबाद दिये।
ईद पर दिखी भाईचारगी
ईद पर अपने रिश्तेदारों, दोस्तों व आस पड़ोस के लोगों को घर आने का दौर चलता रहा। तो हिन्दू भाइयों ने भी गंगा जमुना तहजीब और भाईचारगी की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम दोस्तों व मिलने जुलने वालों के यहां जाकर ईद की मुबारकबाद दी व गले मिले। इस दौरान मेहमानों का मुंह मीठा करने के लिए सेवइयों से बेहतर और क्या हो सकता था, ईद पर मिलने आने वाले लोगों को मुंह मीठा करने के साथ नमकीन के लिए दही बड़ा, फ्रूट्स, छोला, चटपटी चाट और सूखे नमकीन भी खिलाये गये। मौके पर जलवाबाद ईदगाह में कारी खैरुलवारा, हाफिज मोख्तार, मकसूद आलम, हाजी आफताब, हाजी प्रवेज, मोहम्मद फैज वारसी, शाहनवाज राजा, मास्टर मुमताज, मो प्रवेज, मो बलिस्टर, शमीम खान, मो तबरेज, खुस्तर अहमद, मौलाना महबूब, अजहर हुसैन, सकीब, शाहबाज कादरी, बेलाल साह, मो सनाउल्लाह, मो आईयाज, मो तनवीर, मो आसिफ, मो तौशिफ, मो साहिल, मो आदिल, मो सनी, मो सोनू, मोनू आदि, बेलाल मस्जिद में मो हकीम, मनान खान, मो फारूक, हाफिज इम्तियाज, राजू खान आदि, दर्जिचक मस्जिद में मो बदरुद्दीन, मो शमीम, मो जावेद, चांद आदि, असनाबाद में हाजी गुलाम जिलानी, सफीक, शाहिद, समीर, जावेद, अजीम, नसीम आदि मौजूद थे।