रांची। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पवन कुमार व महासचिव मंगल हेंब्रम ने संयुक्त रूप से सोमवार को कहा कि मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया आदि बीमारियां राज्य के विभिन्न जिलों में तेजी से पैर पसार रही है। इन सभी रोगों का पैर पसारने का मुख्य कारण है कोरोना के समय से राज्य में कार्यरत सभी मलेरिया कर्मियों यानी एमपीडब्ल्यू (एम) स्वास्थ्य कर्मियों को अपने मुख्य कार्य मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया को नजरअंदाज करवाते हुए स्वास्थ्य के अन्य सभी कार्यक्रमों में कार्य लेना।
मंगल हेंब्रम ने कहा कि आज राज्य में पुनः मच्छर जनित रोगों की संख्या में बहुत ही तेजी से वृद्धि हो रही है और राज्य वासियों की इन बीमारियों के कारण असमय मौत भी हो रही है। आज राज्य का संथाल परगना और कोल्हान इससे जल रहा है और वहां के ग्रामीण इस जानलेवा बीमारी के कारण अपनी जान भी गवां रहे हैं। आज वर्ष 2008 से झारखंड राज्य को एमपीडब्ल्यू (एम) स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने कार्य, काबिलियत के बदौलत इन जानलेवा रोगों से झारखंड राज्य को मुक्ति दिलवाई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य कर्मियों की घोर कमी को देखते हुए विभाग और सरकार ने एमपीडब्ल्यू (एम) स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यों को देखते हुए स्वास्थ्य के भिन्न-भिन्न कार्यकर्मों में कार्य लेना शुरू कर दिया। इसका नतीजा है कि आज पुनः राज्य में मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी से राज्यवासी पुनः ग्रसित होने लगे हैं।