बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण वाली सरकार ने सभी भारतीयों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक घर के सपने को हकीकत में बदल दिया है।
बेगूसराय प्रवास के दौरान आज उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से सुनिश्चित किया है कि समाज के सभी वर्ग के लोगों को बैंकिंग, एलपीजी कनेक्शन, स्वच्छता, बिजली, नल का पानी, सस्ती स्वास्थ्य सेवा एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं मिले। ब्याज दरों में कमी और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना ने लोगों को अपना घर खरीदने में सक्षम बनाया है।
एक घर का मालिक होना एक प्रतिष्ठित जीवन स्तर की निशानी है। जिसमें नल से पानी, खाना पकाने के लिए ईंधन, स्वच्छता, बिजली और इंटरनेट के साथ सुरक्षा बीमा, कर लाभ और सार्वजनिक उपयोगिता तक आसान पहुंच जैसी बुनियादी सुविधाएं हो। 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए अथक प्रयास किया है।
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) अधिनियम 2016 को लागू करके नियामक ढांचे को मजबूत किया गया। विभिन्न प्रदेशों में इस अधिनियम के तहत एक लाख से अधिक मामले का निपटारा किया गया। नागरिकों की जीवन भर की कमाई एक कानूनी ढांचे द्वारा सुरक्षित है जो घर खरीदने वालों के अधिकारों को बरकरार रखती है। रेरा ने समय पर घरों की डिलीवरी सुनिश्चित की। रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं को फिर से चलाने के लिए स्वामी फंड से 25 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
स्वामित्व योजना ग्रामीण क्षेत्र में बसे हुए इलाकों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है। दो लाख 71 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे हो चुका है। एक लाख से अधिक गांवों में प्रोपर्टी कार्ड तैयार किए गए हैं। भूमि स्वामित्व कॉर्ड उपलब्ध होने से धोखाधड़ी वाले संपत्ति सौदों एवं भूमि स्वामित्व संबंधी भ्रष्टाचार और उत्पीड़न में कमी आई है। सरकार इस क्षेत्र में तेजी से काम करते हुए, ग्रामीण भारत को पारदर्शी सिस्टम दे रही है।
उन्होंने कहा कि कर में कमी और सस्ती उधार दरों ने मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बड़े पैमाने पर बचत और उनकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाया है। आयकर छूट और प्रत्यक्ष कर सुधारों में सकारात्मक बदलाव ने उन पर कर के बोझ को कम किया है। मध्यम वर्ग के लिए टैक्स भरने को आसान बना दिया है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) उपभोक्ताओं के लिए दैनिक खर्चों में कमी का कारण बना।
भारत में उभर रही डिजिटल भुगतान क्रांति ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। जनवरी में आठ सौ करोड़ लेन-देन यूपीआई पर किए गए थे। इस प्रणाली का उपयोग अब करीब तीन सौ मिलियन व्यक्तियों और 50 मिलियन व्यापारियों द्वारा किया जाता है। छोटे से छोटे लेन-देन के लिए भी डिजिटल भुगतान किया जा रहा है। जिसमें करीब 50 प्रतिशत को छोटे या सूक्ष्म भुगतान के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
भारत के डिजिटल परिवर्तन और कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च तकनीक प्रौद्योगिकी के साथ भारत के लिए असीम संभावनाओं को खोला है। 5-जी कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, रसद, स्मार्ट शहरों, उद्योग 4.0, वित्तीय समावेशन आदि सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। पिछले नौ वर्षों में नागरिकों के दैनिक जीवन में सुधार पर केंद्रित ध्यान ”सबका साथ – सबका विकास” के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।