कोडरमा। सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतग रुग्णता प्रबंधन एवं रात्रि रक्तपट संग्रह से सम्बंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे जिले सभी एमपीडब्ल्यू, लैब टेक्नीशियन, बिटीटी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। वहीं सीएस डाॅ. अनिल कुमार ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों, एमपीडब्ल्यू और लैब टेक्नीशियन को रात्रि रक्तपट का संग्रह का कार्य सम्पादित करने का निर्देश देते हुए कहा की जिले के सभी हाथीपांव रोगियों को सदर अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रेरित करें, मरीजों को इसकी विस्तृत जानकारी दें।
वहीं जिला भीबीडी पदाधिकारी डाॅ. मनोज कुमार ने कहा कि फाइलेरिया जिसे हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है, इस बीमारी का रोकथाम बहुत जरूरी है, यह रोग कुलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है, उन्होंने कहा कि इस प्रजाति का मच्छर जमे हुए गंदे पानी मे पनपते है तथा संक्रमित कुलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया बीमारी होती है, यह रोग शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है, किसी को यह रोग पैर में होता है तो किसी के हाइड्रोसील में तो किसी के स्तन आदि अंगों में भी यह रोग हो सकता है, इस रोग से बचाव के लिए चयनित क्षेत्रों में रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम में अपने खून की जांच अवश्य कराएं। वहीं डीपीएम महेश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 25 अक्टूबर तक पूर्ण किया जाना है, अभियान के दौरान जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रात्रि 8ः30 बजे से 12 बजे तक लोगों का रक्त पट प्राप्त कर इसका जांच किया जाना है।
मौके पर प्रशिक्षक प्रमोद कुमार के अलावे एसीएमओ डाॅ. रंजीत कुमार, डीआरसीएचओ डाॅ. कुलदीप कुमार, डाॅ. विकास चैधरी, शंभु कुमार, पवन कुमार, विनीत अग्निहोत्री, पंकज कुमार, ललन कुमार राणा, मुकेश राणा आदि मौजूद थे।