रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंत्रियों और विधायकों की वेतन बढ़ोतरी से संबंधित प्रस्ताव सदन में लाने की पूरी तैयारी है। भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने इस साल बजट सत्र के दौरान सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी की मांग की थी। उनकी इस मांग पर पक्ष और विपक्ष के सदस्य सहमत दिखे थे। हालांकि, सरकार की ओर से इस विषय में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं आया था। इसलिए इसपर कोई फैसला नहीं लिया जा सका था।
बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने महंगाई बढ़ने के कारण समय की मांग को आधार बनाकर सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी की मांग की थी। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में विधानसभा की एक समिति का गठन किया गया, जिसको विधायकों के वेतन बढ़ाने को लेकर एक रिपोर्ट विधानसभा को सौंपनी थी। बताया जा रहा है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंप दी है, जिसमें विधायकों का वेतन 40 हजार से बढ़ाकर 55 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह करने की अनुशंसा की गई है। अब चालू मानसून सत्र में इस प्रस्ताव को लाने की तैयारी की जा रही है।
पिछली बार वेतन में बढ़ोतरी रघुवर दास सरकार में साल में 2015 में हुई थी। तब मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी 70 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये किया गया था। विपक्ष के नेता का वेतन 50 हजार प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन 55 हजार किया गया। इसी तरह उप मुख्य सचेतक को 50 हजार और सचेतक का 45 हजार रुपये वेतन दिया जाता है। विधायकों का वेतन 40 हजार किया गया था।