शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के समरहिल स्थित शिव बावड़ी मंदिर भूस्खलन हादसे में लापता लोगों में से तीन के शव मंगलवार को बरामद किए गए। इनमें दो शव महिला और एक पुरुष का है। इनकी शिनाख्त की जा रही है। शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अब तक 11 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं।
नेगी ने बताया कि मंगलवार सुबह 06 बजे प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सोमवार को आठ शव बरामद किए गए थे। देर शाम घटनास्थल पर फ्लड आने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था। आज बारिश न होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है। कम से कम 16 लोग अभी भी लापता हैं। ये हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे।
एक दिन पहले यानी सोमवार सुबह करीब सवा 07 बजे भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया था। भूस्खलन इतना ख़ौफ़नाक था कि मंदिर का नामो निशान ही मिट गया। मंदिर में मौजूद दो दर्जन से अधिक लोगों को बच निकलने का समय तक नहीं मिला। भूस्खलन के बाद घटनास्थल पर तबाही का मंजर देखा गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इस भयानक हादसे ने दो मासूम बच्चियों सहित सात लोगों के एक परिवार को मौत की नींद सुला दिया।
हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के दो प्रोफेसर हादसे के बाद लापता हैं। विश्वविद्यालय में गणित विभाग के अध्यक्ष प्रेमलाल शर्मा, उनकी पत्नी, बेटा और गणित की ही प्रोफेसर मानसी हादसे के बाद लापता हैं। प्रोफेसर प्रेमलाल शर्मा बिलासपुर और मानसी सिरमौर जिले के पांवटा साहिब की मूल निवासी हैं। मानसी के पति हरीश का शव पिछले कल बरामद कर लिया गया। वह प्रदेश हाई कोर्ट में वकील थे। सोमवार दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में राहत एवं बचाव दलों को लापता दोनों प्रोफेसर का कोई सुराग नहीं मिला है। ये परिवार संग मंदिर में जलाभिषेक के लिए आये थे कि एकाएक आये भूस्खलन ने पलभर में मंदिर को तबाह कर दिया।
मृतकों की शिनाख्त संतोष (58) पत्नी पवन, अमन (34) पुत्र पवन, शेयशा (4) पुत्री अमन, सुयशा (2) पुत्री अमन, किरण (55) पत्नी प्रदीप, संजय ठाकुर (48) पुत्र मोहन सिंह, अमित ठाकुर (48) और हरीश कुमार (43) के तौर पर हुई है।
करीब 150 साल पुराना यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। पिछले कल सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर के प्रसाद की तैयारी चल रही थी। इससे पहले भूस्खलन ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया।
भूस्खलन और बाढ़ से एक दिन में 41 मौतें
राज्य में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में सोमवार को 41 लोगों की जान गई। शिमला, मंडी और सोलन जिलों में भारी जनहानि हुई है। भूस्खलन से हुई तबाही को देखते हुए प्रदेश सरकार ने आज आयोजित हो रहे स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से चार नेशनल हाइवे सहित 857 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 4285 बिजली ट्रांसफार्मर और 889 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं।