कोडरमा। नगर पंचायत स्थित वार्ड नं. एक फुलवरिया गांव में बिजली नहीं पहुंचने से लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहां रविवार को जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता फुलवरिया गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मिलकर उनका हालचाल जाना। वहीं उन्होंने कहा कि इस गांव में आजादी के बाद से अभी तक बिजली नहीं रहना इस गांव के लिए अभिशाप है। जहां इस भीषण गर्मी में लोग एसी व कूलर में रह रहे हैं, वहीं फुलवरिया गांव के बच्चे, बूढ़े, महिला, पुरुष बिना बिजली और पानी से झेल रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए उपायुक्त से मिल कर बात की गयी है।
इस गांव की सुविधा के लिए अगर आंदोलन भी करना पड़ेगा तो निश्चित आंदोलन करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि 20 जून को हमलोग बिजली-पानी को लेकर बिजली आॅफिस झुमरीतिलैया में धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं। साथ ही कहा कि इस गांव के लोग कितना आशा और उम्मीद से हमलोगों को देख रहे हैं कि हम लोग उनकी समस्या को दूर करेंगे। लोकतंत्र में जो संवैधानिक पदों पर होते हैं उनकी ये दायित्व होता है की इनकी समस्याओं को सुने और गंभीरता से उनका समाधान करें। यह क्षेत्र रिजर्व फाॅरेस्ट होने के बाद एनओसी नहीं मिल पा रहा था।
अब एनओसी मिलने के बाद भी कौन सी अड़चन है की अभी तक बिजली नहीं पहुंच पा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज रोजगार का आलम यह हो गया है की बेरोजगारी चरम पर हो गया। हमारे लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि हमारे यहां ढिबरा का जो रोजगार था, उसको बंद करवा दिया गया है। लोग ढीबरा चुनकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। हमारे झारखंड बनने का बाद एक बड़ा मामला यह की झारखंड के लिए अलग से कोई मायका पाॅलिसी नहीं बना है। प्रयास हो रहा है, लेकिन इस प्रयास को तीव्रता देने की जरूरत है।
बाहर से लोग कोडरमा आते हैं तो लिखा रहता है कि अभ्रक नगरी में आपका स्वागत है लेकिन यहां अभ्रक भी है, मालिक भी है, मजदूरी भी है, फैक्ट्री भी है फिर यहां अवैध ठप्पा क्यों है? इसका कारण है कि मायका पाॅलिसी नहीं है। कितनी सरकार आई और गई लेकिन यहां क्रिया कम है और प्रतिक्रिया ज्यादा है। तो क्रिया में बढ़ावा देना होगा, तब जाकर इन लोगों का समाधान होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से अगर हम संवैधानिक पद पर पहुंचते हैं तो मेरी प्राथमिकता होगी कि बेरोजगारी दूर हो, पलायन न हो, बिजली पानी की समस्या दूर हो।
पानी, सड़क, शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य यह सभी हम सभी का मूलभूत अधिकार है। जिस तरह हम सभी को बोलने का अधिकार है उसी तरह सुविधा पाने का भी अधिकार है। उपायुक्त से मिलकर हमने कहा कि फुलवरिया गांव को नगर में सिर्फ टैक्स लेने के लिए रखा गया है? यहां के लोग टैक्स दे पाएंगे? सुविधा नगण्य, यह सुविधा नहीं दुविधा है। इससे अच्छा इस गांव को ग्रामीण में रखा जाता तो अच्छा रहता। मौके पर साजिद हुसैन लल्लू, सचिन कुमार, मंसूर आलम व सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।