पलामू। छतरपुर-पाटन के पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पलामू के आर्थिक विकास में बैंकों की भूमिका संतोषजनक नहीं है। ऋण जमा अनुपात में निरंतर गिरावट हो रही है। वित्तीय वर्ष 18-19 में 74 प्रतिशत था, वहीं 19-20 में 56 प्रतिशत, 20-21 में 45 प्रतिशत, 22-23 में महज 44.45 प्रतिशत हो गया है। राधाकृष्ण किशोर सोमवार को नई मुहल्ला स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऋण जमा अनुपात में लगातार गिरावट आने के कारण जिले का विकास नहीं हो पा रहा है। किसी भी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बैंको की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इस लिहाज से पलामू में बैंको की भूमिका संतोषजनक नहीं है। पलामू जिले के ऋण जमा अनुपात के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि जून 2023 तक ऋण जमा अनुपात महज 44.45 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा निर्धारित किया गया है कि कुल जमा के विरूद्ध 60 प्रतिशत राशि आर्थिक विकास के लिए ऋण अग्रिम दिया जाना है।
उल्लेखनीय है कि जून 2023 तक पलामू जिले के बैंको में कुल 6 हजार 8 सौ 53 करोड़ 24 लाख रुपये जमा थे। जमा राशि के विरूद्ध मात्र तीन हजार 46 करोड़ 11 लाख रूपए ऋण वितरण किया गया था, जो कुल जमा राशि का 44.45 प्रतिशत है। गत वर्ष की अपेक्षा 2023 में ऋण जमा अनुपात में 4.46 प्रतिशत की गिरावट हुई है। जून 2022 तक जिले का ऋण जमा अनुपात 48.91 प्रतिशत था, जो जून 2023 में घटकर 44.45 प्रतिशत हो गया। ऋण जमा अनुपात में गिरावट होना आर्थिक रूप से पिछड़े हुए पलामू जिले के लिए घोर चिंता की बात है। अर्द्ध शहरी और शहरी क्षेत्र में ऋण अग्रिम का अनुपात तो और भी कम है। जिले के शहरी क्षेत्र का ऋण जमा अनुपात महज 37 फीसदी तथा अर्द्ध शहरी क्षेत्र में 39.37 फीसदी है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के जून माह तक कृषि प्रक्षेत्र में 15 प्रतिशत, सूक्ष्म व लद्यु इंटरप्राइजेज प्रक्षेत्र में 48 प्रतिशत, शिक्षा ऋण में 10 प्रतिशत, गृह ऋण में 14 प्रतिशत, प्राथमिक क्षेत्र में 23 प्रतिशत तथा गैर प्राथमिकी क्षेत्र में 19 प्रतिशत ही ऋण-अग्रिम दिया गया है।