रांची। राजधानी रांची में मिट्टी के दीयों से बाजार सज गया है। हरमू, पत्थरकुदवा के कुम्हारों के चाक दीपावली नजदीक आते ही तेजी से रात-रात भर घूमने लगे हैं। पिछले एक माह से तो कई दो माह से बड़ी संख्या में मिट्टी के दीयों सहित अन्य सामान बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। कई चौक-चौराहों में दुकानें सज गयी हैं। कोलकाता के स्टोन लगा दिया बाजार में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इलेक्ट्रिक उत्पादों के बावजूद दीयों का क्रेज अब भी बरकरार है। चुटिया, डोरंडा, कोकर, लालपुर, बरियातू, बुटी मोड़, हरमू सहित अन्य क्षेत्रों में दीयों बिकने लगे हैं।
क्या कहते हैं कुम्हार
पुरानी रांची के शांति आर्ट के संचालक योगेन्द्र प्रजापति ने कहा कि वह और उनका पूरा परिवार दीयों सहित अन्य मिट्टी के खिलौने सहित अन्य सामान बनाने का काम करता है। वह पिछले 40 वर्ष से यह काम कर रहे है। दीपावली को लेकर एक माह पूर्व से ही दीयों बनाने का काम हो रहा है। अभी दीयों का रेट बड़ा साइज का सिंपल 120 रुपये में 100 दीयों है।
उन्होंने कहा कि रेट जिस हिसाब से होना चाहिए वह नहीं मिल रहा है लेकिन बिक्री ठीक है। अभी दाम कम है। इसलिए भी लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं। पिछले वर्ष तो दीयों का पूरा स्टॉक खत्म हो गया था। इसलिए इस बार पहले से ज्यादा दीयों बना रहे है। रात-रात भर चाक चला रहे है। मिट्टी कांके के होचर से खरीदकर लाते है। कोलकाता के दीयों की बाजार में ज्यादा डिमांड आ रही है। सबसे कम 10 में उपलब्ध है। कोलकाता के 21 सेट का दीया 200 रुपये और 12 पीस का सेट 100 रुपये में बेच रहे है। मिट्टी का लालटेन 150 रुपये में बिक रहा है।
हरमू बिजली ऑफिस के पास दुकान लगाने वाली सुगनी प्रजापति ने कहा कि उनका यह पुश्तैनी काम है। उनके तीन बेटे हैं और तीनों यही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद से लोगों का मिट्टी के बने सामानों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। उनके यहां बड़े साइज के 120 रुपये में 100 दीयों, मिडियम साइज का 100 रुपये 100 दीयों और 80 रुपये छोटे साइज का 100 दीयों आज का मूल्य है। उन्होंने कहा कि दीयों का रेट कम है। दीया कम पड़ने पर रेट बढ़ जायेगा। फिलहाल दीयों की अच्छी बिक्री है।
हरमू रोड के कुम्हार पुतुल देवी ने कहा कि वह 25 साल से यह काम कर रही हैं। दीपावली को लेकर दीयों बनाने काम जोर शोर से चल रहा है। सिंपल दीया बड़ा साइज का पिछले वर्ष 100 रुपये में 100 पीस था। इस बार 120 रुपये में 100 पीस बेंच रही हूं जबकि मिट्टी का दाम भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि दीयों कम पड़ने पर दाम बढ़ जाते है। अभी से ही बिक्री अच्छी हो रही है।
पत्थरकुदवा के कुम्हार मनोज कुमार ने कहा कि दीपावली और छठ पूजा को लेकर एक माह पहले से ही जोर शोर से दीयों, कलश, ढकना सहित अन्य सामान बना रहे हैं। अभी छोटा दीया 80 रुपये में 100 पीस, बड़ा दीया 150 रुपये में 100 पीस, ढकना दस रुपये और 15 रुपये, कलश 15 रुपये और 25 रुपये में बिक्र रहा है। अभी से ही बिक्री ठीक है। उन्होंने कहा कि जब से बाजार में लाइट का प्रचलन आया तब से कुछ बिक्री कम हो गयी लेकिन कोरोना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर दीयों और मिट्टी के अन्य सामान जैसे चाय के प्याला, मटन हांडी, लस्सी के ग्लास, चाय बनाने का हांडी के बिक्री बढ़ गई है। मिट्टी की दाम भी बढ़ी है।
पत्थरकुदवा की जानकी देवी ने कहा कि उनका पूरा परिवार मिट्टी के दीयों सहित अन्य सामान बनाने का काम वर्षों से कर रहा है। दो माह से पूरा परिवार दीयों, छठ को लेकर कलश, ढक्कन, खिलौने बनाने में जुटा है। अभी से ही बिक्री शुरु हो गयी है। 150 रुपये में 100 दीयों बड़ा साइज का बेंच रहे है। कलश छोटा 20 रुपये और बड़ा 25 रुपये में बेच रहे है।