रांची। राजभवन के तत्वावधान में रांची विश्वविद्यालय तथा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से ‘विश्वविद्यालयों का विजन एवं रणनीतिक विकास’ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को विशेषज्ञ वक्ताओं ने विचार रखे।
पटना विश्वविद्यालय की प्रो. सुनीता राय ने कहा कि हमें पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपने लक्ष्य साधन में प्रवृत्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नैतिकता के उच्च मानदण्डों का पालन करते हुए हमें विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास करना चाहिए। यह अचानक नहीं हो सकता। इसके लिए हमें दृढ़ संकल्पित होकर निरन्तरता के साथ आगे बढ़ना होगा। समय का प्रबन्धन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसको ध्यान में रखते हुए, वास्तविकता के धरातल पर कार्य सिद्ध करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने प्रशासकों का आह्वान किया कि वे अपने अधीनस्थ लोगों को कभी भी हतोत्साहित न करें। उत्साहवर्धन से कठिन से कठिन कार्य भी सहज ही सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही कहा कि आत्मीयता के भाव का विकास करने से संस्थान समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान के विकास में पूर्ववर्ती विद्यार्थियों की सेवा का लाभ लेना चाहिए। प्रतिष्ठित संस्थानों से सहकारिता स्थापित करने से अपने संस्थान का भी विकास होगा और यह विद्यार्थियों के व्यापक हित में होगा।
सभी विश्वविद्यालयों ने ‘विजन एवं रणनीतिक विकास’ से सम्बन्धित प्रारूप प्रस्तुत किया गया। अब सभी विश्वविद्यालयों को कार्यशाला में चर्चित विषयों को ध्यान में रखते हुए 25 नवम्बर तक विजन एवं रणनीतिक विकास पर अपना नीति प्रलेख राजभवन में जमा कर देना है।