रांची। झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में मंगलवार को वाणिज्य एवं वित्तीय अध्ययन विभाग एवं आइसीएसएसआर, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 10 दिवसीय शोध पद्धति कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। आठ दिसम्बर तक चलने वाली इस कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों आइआइटी, आइआइएम, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के विषय विशेषज्ञ व्याख्यान द्वारा योगदान देंगे।
कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति एवं शोध के सन्दर्भ में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि शोध किसी भी उच्च संस्थान का रीढ़ होता है। इसीलिए नई शिक्षा नीति में उच्च संस्थानों में शोध पर अधिक जोर दिया गया है।
विभागाध्यक्ष डॉ. बटेश्वर सिंह ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। अपने स्वागत वक्तव्य में शोध की नवीनता एवं मौलिकता की बात करते हुए कहा कि शोधार्थियों में उच्च शोध नैतिकता विकसित करना ही कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष (अनुसंधान एवं विकास), प्रो. एके पाढ़ी, डॉ. शशि सिंह, प्रो. विमल किशोर, डॉ. अजय प्रताप यादव एवं शोधार्थी नेहा, मेघा, देवव्रत आदि भी उपस्थित थे
शोध कार्यशाला निदेशक डॉ. केबी सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित उच्च संस्थानों से 226 लोगों ने कार्यशाला में सहभागिता के लिए आवेदन किया, जिसमें से 35 लोगों का चयन किया गया है। चयनित प्रतिभागी जेएनयू, डीयू, बीएचयू, आईआईटी और सीयूजे से हैं। इसमें आइआइटी, एनआइटी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थी भी भाग ले रहे हैं।