रांची। रांची सहित पूरे राज्य में प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम के साथ गुरुवार को मनाया गया। सरहुल महोत्सव में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री वीर बुधू भगत आदिवासी कॉलेज छात्रावास पहुंचे, जहां अखरा में पाहन ने उनका ढोल नगाड़े के साथ नृत्य करते हुए स्वागत किया।
सरहुल पर शोभायात्रा निकली। केंद्रीय सरना समिति की ओर से निकाली गई शोभायात्रा अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची। शोभायात्रा राजधानी रांची के विभिन्न हिस्सों के सरना स्थल से निकाली गई, जो मेन रोड से होते हुए सिरमटोली स्थल तक पहुंची।
इससे पूर्व सभी मौजा के सरना स्थल में पूजा-अर्चन हुई। सरहुल के गीतों और ढोल-नगाड़े की आवाज से इलाका गूंज रहा है। इस दौरान महिलाएं और पुरुष नृत्य करते हुए सरना स्थल तक पहुंचे। पहना ने सरना स्थल में रखे घड़े के पानी को देखकर बारिश की भविष्यवाणी की। उन्होंने इस साल अच्छी बारिश होने की बात कही है।
केंद्रीय सरना समिति हातमा रांची में जगलाल पाहन ने विधिवत पूजा की। साल वृक्ष के नीचे उन्होंने सूर्य, जल, धरती जिन्हें यह देवता मानते हैं और उन्हें विभिन्न नाम से जानते हैं, उनके नाम से मुर्गे की बलि दी गई। इसके बाद उन्होंने जल से भरे घड़े को देखा। पूजा के बाद इस जल भरे घड़े से पाहन को स्नान कराया गया। इसके बाद उन्होंने भविष्यवाणी की इस साल अच्छी बारिश होगी। उन्होंने किसानों को समय पर खेती-बाड़ी करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि अनावश्यक रूप से हम प्रकृति का दोहन ना करें। उनका संरक्षण करना चाहिए।
केकड़ा पकड़ने से हुई शुरुआत
सरहुल की शोभायात्रा निकलने से पहले कई तरह की परंपरागत रस्में निभाई गई। पूजा-पाठ की शुरुआत बुधवार सुबह से हुई। विभिन्न मौजा के सरना स्थल में पाहन सहित ग्रामीण जुटे और उपवास पर रहते हुए आसपास के जलस्रोतों के पास जाकर केकड़ा और मछली पकड़ी। सरहुल के पूजा की परंपरा को लेकर केंद्रीय सरना समिति हातमा के पाहन जगलाल पाहन ने बताया कि दिन में केकड़ा-मछली पकड़ने के बाद शाम को सरना स्थलों पर दो नए घड़ों में पानी रखा गया। इस पानी को साल के वृक्ष की टहनियों से माप कर रख गया।
उन्होंने बताया कि शाम की पूजा-अर्चना के साथ ही सरना स्थल पर मर्गों-मुर्गियों की बलि भी दी गई। यह बलि अलग-अलग देवताओं के साथ बुरी आत्मा को भी दी गई।
दिन में सरहुल पूजा के बाद रांची की सड़कों पर धूमधाम से विभिन्न इलाकों से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में महिलाएं, बच्चे और बड़ी संख्या में पुरुष शामिल हुए। वहीं राज्य में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में ईद की नमाज अदा की। इसके बाद एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की बधाइयां दी। रांची में मुस्लिम धर्मावलंबी भी सरहुल में बढ़ चढ़कर शामिल हुए।