कोडरमा। विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोडरमा के प्रांगण से पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया। सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम के लिए 19 जून से 3 जुलाई 2024 तक पखवाड़ा चलाया जायेगा। जिसका उपायुक्त मेघा भारद्वाज द्वारा विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया।
वहीं उपायुक्त ने कहा कि सिकल सेल रोग की रोकथाम के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्क्रीनिंग का शुभारंभ किया गया है। साथ ही इसकी शुरुआत झरनाकुंड स्थित बिरहोर टोला और आश्रम विद्यालय से भी बच्चियों की स्क्रीनिंग कर किया गया। उन्होंने कहा कि पखवाड़ा के दौरान पीवीटीजी यानी विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह और आदिम जनजाति समेत अन्य लोगों की स्क्रीनिंग किया जायेगा। इसके लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा और आमजनों से अपील कि सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच कराएं। वहीं उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग शत-प्रतिशत कार्य करें।
कई लाभार्थियों का हुआ स्क्रीनिंग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोडरमा के प्रांगण में आयोजित पखवाड़ा में उपायुक्त के समक्ष चिकित्सकों द्वारा लाभार्थियों की स्क्रीनिंग की गई।
उपायुक्त ने सिकल सेल एनीमिया के जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
उपायुक्त मेघा भारद्वाज द्वारा सिकल सेल एनीमिया के जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह जागरूकता रथ जिले के सभी प्रखंडों के पंचायत/गांव में घूम-घूमकर आमजनों को सिकल सेल रोग से बचाव के प्रति जागरूक करेगा।
सिकल सेल रोग है क्या
सिकल सेल अनुवांशिक रोग होता है। जब तक खून की जांच नहीं करायी जाए रोग का पता नहीं चलता। परिवार का कोई सदस्य जिनकी उम्र शून्य से 40 वर्ष हो, सिकल सेल जांच अवश्य कराएं। जांच जरूरी है नहीं तो मरीज को अन्य शारीरिक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में किसी को सिकल सेल एनीमिया हो तो परिवार के सभी सदस्य सिकल सेल जांच जरूर कराएं।
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
एनीमिया/पीलापन दिखाई देना। बार-बार संक्रमण/बीमार होना। थकान, बुखार एवं सूजन तथा कमजोरी महसूस करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाना, जोड़ों में दर्द या सूजन, छाती में दर्द, सांस फूलना, पीठ/पेट में दर्द के लक्षण हैं।
रोगी क्या करें
दिन भर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। डाॅक्टर की सलाह से फाॅलिक एसिड गोली प्रतिदिन लें। उल्टी-दस्त, पसीने से शरीर का ज्यादा पानी बाहर निकलने पर डाॅक्टर से संपर्क करें। संपूर्ण संतुलित आहार लें। हर तीन महीने में हीमोग्लोबीन स्तर तथा श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या की जांच करें।
रोगी क्या नहीं करें
ज्यादा गर्मी या धूप में बाहर नहीं निकले। ज्यादा ठण्ड में बाहर जाने से बचें। ज्यादा ऊंचाई वाले पहाड़ों, हिल स्टेशन पर न जाएं। समय-समय पर डाॅक्टर की सलाह लें।
बच्चों की देखभाल
बच्चे को सिकल सेल एनीमिया हो तो स्कूल के पिं्रसिपल/प्राचार्य तथा कक्षा शिक्षक जानकारी दें। स्कूल में शारीरिक श्रम/व्यायाम या भारी काम न करवाने की जानकारी शिक्षक को दें। कक्षा में पीड़ित बच्चे को बार-बार पेशाब आने पर शिक्षक शौच जाने की अनुमति दें। शिक्षक को आपातकालीन लक्षणों की जानकारी दें। मौके पर सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार, डीएस डाॅ. रंजीत कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, डीडब्लूओ अभिषेक आनंद, डीपीएम महेश कुमार, डीडीएम पवन कुमार समेत चिकित्सक व अन्य मौजूद थे।