कोलकाता। सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने आरजी कर अस्पताल रेप-मर्डर मामले में पूछताछ रिपोर्ट (इनक्वेस्ट रिपोर्ट) में कई गंभीर चूकें पाई हैं। शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस मामले में कुछ बड़ी खामियां सामने आई हैं, जो जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
उनके अनुसार, पहली बड़ी चूक तब सामने आई जब मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता के शव की जांच के लिए उन्हें केवल 20 मिनट का समय मिला था। इतना कम समय इस गंभीर मामले की जांच के लिए बेहद असामान्य माना जा रहा है।
कानूनी दृष्टि से, इनक्वेस्ट रिपोर्ट एक ऐसा दस्तावेज होता है जो अचानक, अज्ञात या हिंसक परिस्थितियों में हुई मौत की जांच के बाद पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट द्वारा तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि मौत स्वाभाविक थी या संदिग्ध।
जांच अधिकारियों का मानना है कि मजिस्ट्रेट को शव की जांच के लिए बेहद कम समय दिया गया, जिससे इनक्वेस्ट रिपोर्ट तैयार करने में जल्दबाजी की गई, ठीक उसी तरह जैसे कि शव परीक्षण (पोस्टमॉर्टम) की प्रक्रिया भी महज 70 मिनट में पूरी कर दी गई थी।
दूसरी बड़ी चूक यह रही कि इनक्वेस्ट रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर पाए गए घावों का विस्तृत विवरण नहीं दिया गया। तीसरी बड़ी चूक यह थी कि पीड़िता के शव के पास से मिले विभिन्न साक्ष्यों का स्पष्ट और विस्तृत वर्णन नहीं किया गया।
इसी बीच, जांच अधिकारियों ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच करने वाली कोलकाता पुलिस द्वारा दिए गए जब्ती सूची (सीज़र लिस्ट) के बीच भी कुछ बड़ी विसंगतियां पाई हैं। सूत्रों के अनुसार, इन विसंगतियों में पीड़िता के कपड़ों का जिक्र भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि एक महिला डॉक्टर का शव नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया था। इस मामले में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।