रामगढ़। हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने शुक्रवार को समाहरणालय के समक्ष धरना देते हुए कहा कि पूरे झारखंड में किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। सरकार यदि जल्द उनकी समस्या का समाधान नहीं करेगी तो उनके जीवन पर संकट मंडराने लगेगा। किसानों की समस्या को लेकर सीपीआई पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन कर रही है।
उन्होंने कहा कि रामगढ़ में भी यह प्रदर्शन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि, यहां के किसान भी जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके कब्जे की जमीन का ना तो रसीद काटा जा रहा है और ना ही उनकी फसल का उचित दाम मिल रहा है। जब रघुवर दास की सरकार राज्य में थी तो उन्होंने बिना सोचे-समझे लाखों हेक्टेयर जमीन को जीएम लैंड बताकर ब्लॉक कर दिया गया जबकि वर्षों से किसानों की उस जमीन का रसीद कटता आ रहा था। किसानों की जमीन को ब्लॉक कर उनके जीवन के आधार को खत्म कर दिया गया है।
सीपीआई की मांग है कि झारखंड में पिछले दो वर्षों से अच्छी बारिश नहीं हुई है, जिसकी वजह से लाखों हेक्टेयर जमीन बंजर पड़ गई। ऐसे में सरकार को तत्काल राज्य को अकाल ग्रस्त क्षेत्र घोषित करना चाहिए और किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए। राज्य सरकार को रामगढ़ को अकाल क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए।
महेंद्र पाठक ने कहा कि सरकार अदानी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए लाखों किसानों की बलि चढ़ाने को तैयार है। भारत माला परियोजना भी इसका उदाहरण है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है लेकिन उसके दाम कौड़ी के भाव दिए जा रहे हैं। आज ग्रामीण इलाकों में भी लाख रुपये कट्ठा जमीन की बिक्री हो रही है लेकिन सरकार चार से पांच हजार रुपये कट्ठा का भाव देकर अन्याय कर रही है।